कोरबा: क्रिकेट को भले ही देश में धर्म माना जाता है, लेकिन व्हीलचेयर पर क्रिकेट खेलने वाले दिव्यांगों को अभी इस खेल में मुकाम हासिल करने के लिए लंबा सफर तय करना होगा. अधिकतर दिव्यांग खिलाड़ियों को खराब आर्थिक हालात के चलते आधुनिक सुविधाएं नहीं मिल पाती, जिससे वे बेहतर परफार्म नहीं कर पाते. कोरबा के व्हीलचेयर क्रिकेटर लकी सोनी भी ऐसे ही परिस्थिति के शिकार हैं. उन्होंने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई है.
स्पोर्ट्स व्हीलचेयर के साथ ही सफर के पैसे भी नहीं: छत्तीसगढ़ टीम के व्हीलचेयर क्रिकेटर लकी सोनी ने कलेक्ट्रेट जाकर अधिकारियों से मुलाकात की और मदद मांगी है. लेकिन उन्हें तत्काल कोई मदद नहीं मिल सकी है. अधिकारियों ने उसे बताया गया कि सरकारी प्रक्रिया लंबी चलती है. अधिकारियों ने फिलहाल लकी को अपने खर्चे पर खेलने को कहा है. उन्होंने यह भी कहा है कि जब प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो लकी को पैसे मिलेंगे.
हम व्हीलचेयर क्रिकेट के खिलाड़ी दिव्यांग जरूर हैं, लेकिन हम भी अपने राज्य के लिए जीतना चाहते हैं. खेल में मुकाम हासिल करना चाहते हैं. लेकिन हमारे पास अच्छी क़्वालिटी का स्पोर्ट्स व्हीलचेयर नहीं है, जिसकी वजह से हम बढ़िया प्रदर्शन नहीं कर पाते. टूर्नामेंट खेलने गुजरात जाना है, लेकिन फिलहाल इतने पैसे भी नहीं हैं. - लकी सोनी, व्हीलचेयर क्रिकेटर, छत्तीसगढ़ टीम