सरगुजा : खेती के अलग अलग तरीकों से लोग मुनाफा कमाते हैं, लेकिन कई बार जमीन के अभाव में लोग खेती नहीं कर पाते हैं. आज हम आपको खेती का एक ऐसा ही प्रकार बताने जा रहे हैं. जिसमें बेहद कम जमीन, कम लागत में आप अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
अंबिकापुर के युवा किसान ने कमाया मुनाफा : हम बात कर रहे हैं फूल की खेती की गेंदे की खेती से आप बेहद कम जमीन पर भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. बड़ी बात ये है कि सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन की योजना से 40% की सब्सिडी के साथ टेक्निकल सहयोग भी दे रही है. मतलब आम के आम और गुठलियों के भी दाम वाली खेती आप कर सकते हैं. अंबिकापुर के युवा किसान वासुदेव राम अगरिया ने इस तरीके से अच्छी आमदनी की है. अब वो इसे बड़े पैमाने पर करने की तैयारी में हैं.
फूल अभी तक खिल रहे हैंं. इस काम मे अच्छा मुनाफा हुआ है, अब आगे भी फूल की खेती बड़े पैमाने पर करेंगे. किसी की नौकरी करने की जरूरत नही है, कम जमीन पर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है- वासुदेव राम अगरिया,किसान
उद्यान विभाग के सहायक संचालक जयपाल सिंह मराबी ने बताया कि सरगुजा की जलवायु फूल सहित कई प्रकार के फलों की खेती के लिए भी अनुकूल है, इसलिए यहां हम लोग, फूल और फल की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं.
राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत खेती करने से लेकर बेचने तक की योजनाओं में सहयोग की स्कीम है. जिले में करीब सवा सौ किसानों ने सौ हेक्टेयर से अधिक रकबे में इस वर्ष फूल की खेती की है. इस सीजन में जिले में ही फूल के किसानों ने करीब 600 मीट्रिक टन फूल का उत्पादन किया है. युवा बेरोजगार कम जमीन पर इन योजनाओं का लाभ लेकर बेहतर स्व रोजगार कर सकते हैं कई किसान हैं जो इसका लाभ ले रहे हैं- जयपाल सिंह मराबी, सहायक संचालक उद्यान विभाग
कब करनी चाहिए गेंदा फूल की खेती : साल में गेंदा फूल की खेती सितंबर अक्टूबर के महीने में और जनवरी से मार्च महीने के मध्य आसानी से प्रदेश के किसान कर सकते हैं. गेंदा फूल के बीज की बुवाई करने के 65 से 70 दिनों के बाद फल प्राप्त होने होने लगते हैं. पहले नर्सरी बनाकर पौधरोपण किया जाता है. गेंदे की खेती करते समय किसानों को विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखना होता है, कि अधिक बारिश और गर्मी के समय गेंदा फूल की खेती करते हैं. तो फूल की गुणवत्ता खराब हो जाती है. अफ्रीकन गेंदा को 60 × 30 सेंटीमीटर की दूरी में लगाना चाहिए. फ्रेंच गेंदा को 30 × 30 सेंटीमीटर की दूरी में लगाना चाहिए.
आपको बता दें कि कई लोग ऐसे हैं जिन्हें खेती में रुचि तो है लेकिन कम जमीन होने के कारण वो खेती के मैदान में नहीं उतरते.वासुदेव राम अगरिया की मेहनत ने ऐसे लोगों के लिए खेती के नए दरवाजे खोले हैं. कम जमीन में ही अब कोई भी फूलों की खेती करके लाभ कमा सकता है.
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