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छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता से इस बार दोगुनी होगी आमदनी, विमलता और लेमरू के पत्तों की बंपर डिमांड - INCOME FROM TENDU LEAVES

छत्तीसगढ़ में ग्रीन गोल्ड यानि की तेंदूपत्ता से बंपर कमाई होगी. ऐसा कैसे होगा. पढ़िए ये रिपोर्ट

VIMALTA AND LEMRU MORE DEMAND
छत्तीसगढ़ में हरा सोना है तेंदूपत्ता (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 22, 2025, 7:18 PM IST

Updated : Feb 22, 2025, 8:10 PM IST

कोरबा: तेज कड़कती धूप में कड़ी मेहनत कर हरा सोना यानी तेंदू पत्ता का संग्रहण करने वाले ग्रामीणों को इस बार दोगुनी कीमत मिलेगी. प्रति मानक बोरे की सरकारी दर 5,500 रुपये निर्धारित की गई है. नीलामी के दौरान कोरबा वन मंडल के 36 समितियों में लेमरू और विमलता के तेंदूपत्ता 11 हजार रुपये प्रति मानक बोरी के दर से बिके है. अधिक दर पर पत्तों की खरीदी का सीधा लाभ तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलेगा. सरकारी दर की तुलना में उन्हें दोगुना दाम मिलेगा.

ग्रामीणों के लिए हरा सोना है तेंदूपत्ता: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए तेंदूपत्ता सोने जैसा है. कोरबा के घने और समृद्ध जंगलों में जो तेंदूपत्ता मिलता है, उसकी क्वालिटी के कारण डिमांड देश भर में रहती है. मार्च के पहले सप्ताह में वन विभाग समितियों के माध्यम से शाख की कटाई छटाई यानि की शाख कर्तन करेगी. इसके दो माह बाद मई में पौधों में नए कोमल पत्ते निकल आएंगे. यह पत्ता बीड़ी उद्योग के लिए उपयोगी होता है. संग्रहण कार्य से जुड़े अकेले कोरबा वन मंडल के 48 हजार वनवासी परिवारों को इस वनोपज से लाभ मिलता है.

कोरबा के हरे सोने की डिमांड बढ़ी (ETV BHARAT)

तेंदूपत्ता का रेट जानिए: छत्तीसगढ़ सरकार ने साल 2023 में तेंदूपत्ता का सरकारी दर 5000 रूपये प्रति मानक बोरा निर्धारित किया था. वर्ष 2024 में इसे बढ़ाकर 5,500 रूपये किया गया है. शासन ने इस दर को 2025 के लिए भी यथावत रखा है. दो समिति सोहागपुर और उमरेली की नीलामी नहीं हुई. इसके लिए दोबारा नीलामी आयोजित की जाएगी. अंतत: नीलामी नहीं हुई तो वन विभाग सरकारी दर पर संग्राहकों से पत्ते की खरीदी करेगी.

कोरबा वनमंडल को 53 हजार 800 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. तेंदूपत्ता संग्रहण से पूर्व शाख कर्तन सहित अन्य तैयारियां शुरू कर दी गई है. एक मई के आसपास अधिकांश फड़ों में तेंदूपत्ता संग्रहण और खरीदी का कार्य शुरू किया जाएगा. नीलामी में कई समितियों को दोगुना लाभ मिलेगा. लेमरू समिति के लिए 11000 रुपए तक बोली लगाई गई है.-अरविंद पीएम, कोरबा वनमंडल अधिकारी

जलवायु के कारण कोरबा के तेंदूपत्ते उत्कृष्ट होते हैं: विमलता और लेमरू की जलवायु तेंदूपत्ता पौधों के अनुरूप है. वातावरण में आद्रता होने की वजह से न केवल कोमल पत्ते निकलते हैं बल्कि अन्य समितियो के पत्तों से आकार भी दोगुना रहता है, इसकी वजह से अधिक संख्या में बीड़ी बनती है. इसको अधिक दिन तक भंडारण कर रखा जा सकता है. यही वजह है कि पश्चिम बंगाल के बीड़ी उद्योग में यहां के पत्ते की मांग अधिक है. कोलकाता के किसानों ने ने सर्वाधिक बोली लगाकर इन दोनों समितियों में इस वर्ष होने वाले तेंदूपत्ता संग्रहण को अपने नाम कर लिया है.

कोरबा के तेंदूपत्ते की मांग ज्यादा: कोरबा की पहचान औद्योगिक नगरी के रूप में की जाती है. तो दूसरी तरफ कोरबा के समृद्ध जंगल भी काफी खास हैं.जिले का करीब 60 फीसदी हिस्सा वनों से आच्छादित है. जहां उगने वाले तेंदूपत्ते की मांग छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के कई राज्यों में हैं.

हाथियों से बचकर करते हैं संग्रहण कार्य:लेमरू वन परिक्षेत्र हाथी रिजर्व के लिए चिन्हांकित है.अनुकूल वातावरण की वजह से यह क्षेत्र हाथियों का रहवास भी है. इसलिए कोरबा में तेंदूपत्ता संग्राहक हाथियों के खतरों से बचकर तेंदूपत्ता संग्रहण का काम करते हैं.

लेमरू वन परिक्षेत्र हाथी रिजर्व के लिए चिन्हांकित है. यह क्षेत्र हाथियों की रिहायश के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. कोरबा में हाथियों की निगरानी की जाती है. जिस समिति के आसपास हाथी मंडराते हैं. वहां खतरा कम होने तक तेंदूपत्ता संग्रहण का काम बीच बीच में रोका भी जाता है. तेंदूपत्ता की खरीदी 1 मई से कोरबा में शुरू हो जाएगी- तोशी वर्मा, उपप्रबंधक, वनोपज समिति, वनमण्डल कोरबा

कुल मिलाकार कोरबा वनमंडल के तेंदूपत्ता की डिमांड ज्यादा है. यही वजह है कि इसकी नीलामी भी होती है. कोरबा के ग्रामीणों के लिए जो जंगली इलाके के आस पास निवास करते हैं. उनके लिए तेंदूपत्ता हरे सोने जैसा है. जिससे उन्हें हर साल अच्छी खासी आमदनी होती है.

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Last Updated : Feb 22, 2025, 8:10 PM IST

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