कोयलांचल में प्रदूषण बेरोजगारी और पुनर्वास बड़ा मुद्दा, इस बार क्या है कोरबा की जनता का मूड, जानिए - Korba Lok Sabha Election 2024
लोकसभा चुनाव और जनता के मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने कोरबा लोकसभा क्षेत्र के अलग-अलग वर्गों से बात कर रहा है. इस बार हमारी टीम कुसमुंडा और शहर के आसपास के लोगों के बीच पहुंची. जहां लोगों ने पीएम आवास, प्रदूषण और पुनर्वास को लेकर खुलकर चर्चा की.
कोरबा: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत 7 मई को कोरबा लोकसभा क्षेत्र में मतदान होना है. जनता के मुद्दों को जानने के लिए ईटीवी भारत कोरबा लोकसभा क्षेत्र के अलग-अलग वर्गों से बात कर रहा है. इस बार हम कुसमुंडा और शहर के आसपास के लोगों के बीच पहुंचे. यहां लोगों ने खुलकर अपनी समस्याओं पर चर्चा की.
आवास और मूलभूत सुविधाएं मुख्य मुद्दे :ईटीवी भारत से बात करते हुए लोगों ने कहा कि शहर और आसपास के इलाकों में लोगों को पीएम आवास का लाभ तक नहीं मिला है. सड़क, पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं से लोग अब भी जूझते रहते हैं. गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत होती है. पीएम आवास अधूरे हैं. लोगों ने पीएम आवास प्रदान करने की मांग की है.
"कोरबा शहर में औद्योगिक उपक्रमों की भूमि पर बड़े पैमाने पर लोग बसे हैं. जिन्हें पट्टा तो दिया गया, लेकिन घर नहीं मिला." - स्थानीय महिलाएं
कुसमुंडा के लोग चाहते हैं अच्छी सड़क : वोटर्स की बात कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए कुसमुंडा क्षेत्र से आए लोगों ने सड़क का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कई साल बीत गए, लेकिन कुसमुंडा से जिला मुख्यालय तक आना अब भी आसान नहीं हुआ है. जिला मुख्यालय आना उनके लिए मुसीबत भरा सफर होता है. यहां मेन रोड में बड़े बड़े वाहन चलते हैं, जिससे दुर्घटनाएं भी होती है. इस वजह से आम लोगों को जान माल का नुकसान उठाना पड़ता है.
प्रदूषण से लोगों का स्वस्थ हो रहा खराब :कोरबा के लोगों का कहना है कि कसमुंडा और कोयलांचल क्षेत्र में प्रदूषण की मार झेलते हुए कई दशक बीत गए. इसलिए सांसद का चुनाव जीतने के बाद इस दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए. ताकि लोगों की इस गंभीर समस्या का समाधान हो सके.
"प्रदूषण का स्तर ऐसा है कि 8 से 10 साल के बच्चों के बाल सफेद हो चुके हैं, युवाओं को हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी हो रही, लोगों की जान तक जा रही है. इस दिशा में ईमानदार से प्रयास नहीं हुए हैं." - स्थानीय ग्रामीण
रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा आज भी बड़ा मुद्दा :कोरबा जिले के कोयलांचल क्षेत्र गेवरा, दीपका और कुसमुंडा के लोगों का कहना है कि कोयला खदानों के विस्तार के लिए एसईसीएल ने उनके जमीनों का अधिग्रहण किया है. जमीन अधिग्रहण के दशकों बाद भी लोग रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा के लिए भटक रहे हैं. अलग-अलग पार्टी के सांसदों ने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन इस समस्या का समाधान अब तक नहीं हुआ है. भू विस्थापतों का दर्द दशकों पुराना है.
"हम चाहते हैं, इस बार जो सांसद जीतकर आएं, वह भू स्थापितों की समस्याओं का ईमानदारी समाधान करें. राजनीतिक इच्छा शक्ति के साथ काम करें." - स्थानीय ग्रामीण
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत 7 मई को कोरबा लोकसभा क्षेत्र में मतदान होना है. कोरबा लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें भरतपुर-सोनहत, मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार और मरवाही शामिल हैं. कोरबा के स्थानीय लोग चाहते हैं कि इस बार जो सांसद जीतकर आएं, वह जनता के मुद्दों पर काम करें. जिन समस्याओं का सालों से निराकरण नहीं हो सका है, उसका समाधान करने का ईमानदारी से प्रयास करें.