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धरना स्थल पर ही डॉक्टर कर रहे मरीजों का इलाज, बोले- पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं मिलने तक जारी रहेगा प्रदर्शन - Kolkata Rape Case

Kolkata Rape Case: मरीजों की परेशानियों को देखते हुए चंडीगढ़ रेजिडेंट डॉक्टरों ने धरना स्थल पर ही ओपन ओपीडी सेवा शुरु कर दी है. विरोधस्थल पर ही डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. जिससे मरीजों ने राहत की सांस ली है.

Doctors Protest In Chandigarh
Doctors Protest In Chandigarh (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 22, 2024, 2:21 PM IST

धरना स्थल पर ही डॉक्टर कर रहे मरीजों का इलाज, बोले- पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं मिलने तक जारी रहेगा प्रदर्शन (Etv Bharat)

चंडीगढ़: कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में चंडीगढ़ रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. इस बीच मरीजों की परेशानियों को देखते हुए डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा शुरु कर दी है. विरोध स्थल पर ही डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इमरजेंसी सेवाओं को बाधित नहीं किया गया है. विरोध स्थल पर पुराने कार्ड के मरीजों देखा जा रहा है. यहां फिलहाल नए मरीजों का कार्ड नहीं बनाया जा रहा है.

धरना स्थल पर मरीजों का इलाज: रेजिडेंट डॉक्टर अब भार्गव ऑडिटोरियम के ठीक सामने टेंट के नीचे ही मरीज की जांच कर रहे हैं. बुधवार को काफी मरीज पीजीआई में इलाज के लिए पहुंचे हुए थे. कई परिवार ऐसे मिले, जो हिमाचल के लाहौल स्पीति या फिर जम्मू कश्मीर के श्रीनगर से आए हुए थे. जिन्होंने डॉक्टरों के इस कदम से राहत की सांस ली. मरीजों के मुताबिक उन्हें अब वक्त पर इलाज मिल रहा है. जिससे उन्हें काफी राहत है.

मरीजों ने ली राहत की सांस: रेजिडेंट डॉक्टर डॉक्टर पेरुगु प्रणीत रेड्डी ने कहा "मरीज हमारी जिम्मेदारी हैं और हम नहीं चाहते कि लोग परेशान हों. इसलिए हम अभी भी रोस्टर का पालन करते हुए इमरजेंसी और आईसीयू में अपनी शिफ्ट में काम कर रहे हैं. हम जानते हैं कि पीजीआई में उत्तर भारत के मरीज पहुंचते हैं. मरीजों की परेशानी को देखते हुए मंगलवार से ओपन ओपीडी शुरू की गई है. करीब 100 मरीजों ने चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठाया है."

बिहार, हिमाचल और जम्मू से पहुंच रहे मरीज: पिछले तीन दिनों से जनरल सर्जरी इमरजेंसी में काम कर रही डॉक्टर स्मृति ठाकुर ने कहा कि हमने कई बाल रोगियों का इलाज किया है. बिहार के एक मरीज की कहानी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि "परिजन के लिए मुश्किल हो रहा था कि वो बच्चे के इलाज के बिना वापस जाए. इसलिए हमने आपातकालीन कार्ड बनाया, उसे अल्ट्रासाउंड फॉर्म दिलवाया, रिपोर्ट की जांच की और उसे आवश्यक दवाएं प्रदान की." ऐसे ही पीजीआई में इलाज करवाने के लिए बिहार, हिमाचल और जम्मू से मरीज आ रहे हैं. जिनका इलाज किया जा रहा है.

क्या हैं डॉक्टरों की मांगे: हालांकि वैकल्पिक सर्जरी नहीं की जा रही है, लेकिन किसी भी घातक बीमारी से संबंधित सभी सर्जरी अभी भी की जा रही हैं. हम सभी कैंसर ओपीडी भी चला रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि वो लोग हड़ताल करना नहीं चाहते, लेकिन उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ रहा है. डॉक्टरों की मांग है कि कोलकाता कांड की पीड़िता के परिजनों को इंसाफ मिले और सीपीए एक्ट पर हमें सरकार से लिखित में आश्वासन मिले. ये डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा के लिए जरूरी है.

जारी रहेगा पुराने मरीजों का इलाज: पीजीआईएमईआर में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं 21 अगस्त से अगली सूचना तक सीमित रखने का फैसला किया है. सुबह 8 बजे से 9.30 बजे तक केवल फॉलो-अप (पुराने) मरीजों का पंजीकरण किया जाएगा. अगली सूचना तक ओपीडी में नए मरीजों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा. गंभीर तौर पर आए मरीज की देखभाल करते हुए, सेवाओं सहित आपातकालीन और ट्रॉमा सेवाएं हमेशा की तरह काम करेंगी. हड़ताल को फिलहाल 23 अगस्त तक जारी रखा जाएगा.

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