चंडीगढ़: कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में चंडीगढ़ रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. इस बीच मरीजों की परेशानियों को देखते हुए डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा शुरु कर दी है. विरोध स्थल पर ही डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इमरजेंसी सेवाओं को बाधित नहीं किया गया है. विरोध स्थल पर पुराने कार्ड के मरीजों देखा जा रहा है. यहां फिलहाल नए मरीजों का कार्ड नहीं बनाया जा रहा है.
धरना स्थल पर मरीजों का इलाज: रेजिडेंट डॉक्टर अब भार्गव ऑडिटोरियम के ठीक सामने टेंट के नीचे ही मरीज की जांच कर रहे हैं. बुधवार को काफी मरीज पीजीआई में इलाज के लिए पहुंचे हुए थे. कई परिवार ऐसे मिले, जो हिमाचल के लाहौल स्पीति या फिर जम्मू कश्मीर के श्रीनगर से आए हुए थे. जिन्होंने डॉक्टरों के इस कदम से राहत की सांस ली. मरीजों के मुताबिक उन्हें अब वक्त पर इलाज मिल रहा है. जिससे उन्हें काफी राहत है.
मरीजों ने ली राहत की सांस: रेजिडेंट डॉक्टर डॉक्टर पेरुगु प्रणीत रेड्डी ने कहा "मरीज हमारी जिम्मेदारी हैं और हम नहीं चाहते कि लोग परेशान हों. इसलिए हम अभी भी रोस्टर का पालन करते हुए इमरजेंसी और आईसीयू में अपनी शिफ्ट में काम कर रहे हैं. हम जानते हैं कि पीजीआई में उत्तर भारत के मरीज पहुंचते हैं. मरीजों की परेशानी को देखते हुए मंगलवार से ओपन ओपीडी शुरू की गई है. करीब 100 मरीजों ने चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठाया है."
बिहार, हिमाचल और जम्मू से पहुंच रहे मरीज: पिछले तीन दिनों से जनरल सर्जरी इमरजेंसी में काम कर रही डॉक्टर स्मृति ठाकुर ने कहा कि हमने कई बाल रोगियों का इलाज किया है. बिहार के एक मरीज की कहानी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि "परिजन के लिए मुश्किल हो रहा था कि वो बच्चे के इलाज के बिना वापस जाए. इसलिए हमने आपातकालीन कार्ड बनाया, उसे अल्ट्रासाउंड फॉर्म दिलवाया, रिपोर्ट की जांच की और उसे आवश्यक दवाएं प्रदान की." ऐसे ही पीजीआई में इलाज करवाने के लिए बिहार, हिमाचल और जम्मू से मरीज आ रहे हैं. जिनका इलाज किया जा रहा है.