विदेश जाएंगे राजस्थान के किसान (वीडियो ईटीवी भारत कुचामनसिटी) कुचामनसिटी :राजस्थान सरकार की एक अनूठी पहल के तहत सूबे के 100 युवा और प्रगतिशील किसानों को इजराइल सहित अन्य देशों में आधुनिक कृषि तकनीक सीखने के लिए भेजा जा रहा है. यह कदम किसानों के खेतों में फसल उत्पादन क्षमता में वृद्धि के मकसद से उठाया गया है, जिससे किसान विदेशों में अपनाई जा रही उन्नत कृषि तकनीकों का अनुभव प्राप्त कर सकेंगे. राजस्थान सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार लाने और किसानों के खेती से संबंधित अनुभव, ज्ञान और आजीविका को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना नॉलेज एन्हांसमेंट प्रोग्राम की शुरुआत की है.
10 सितंबर तक कर सकते हैं आवेदन : डीडवाना कुचामन जिले के कृषि विभाग में उपनिदेशक (उधान) कल्प वर्मा ने बताया कि नॉलेज एन्हांसमेंट प्रोग्राम के तहत, 100 युवा और प्रगतिशील किसानों को इजराइल और अन्य देशों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा. इस योजना का मकसद किसानों को नई और उन्नत कृषि तकनीकों से परिचित कराना है, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके. उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान 10 सितंबर तक राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को कृषि से संबंधित सभी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ मिलता है. आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए पोर्टल पर विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. योजना की जानकारी मिलने पर किसान कृषि विभाग कार्यालय पहुंच रहे हैं और जानकारी लेकर ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं.
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ऐसे होगा चयन : आपको बता दें कि योजना में विदेश जाने वाले किसानों का चयन विशेष मापदंडों के आधार पर किया जाएगा. चयन के लिए किसान के पास कम से कम एक हेक्टेयर कृषि भूमि होनी चाहिए और उसे कम से कम 10 वर्षों का खेती का अनुभव होना चाहिए. इसके अलावा, उसे नई कृषि तकनीकों का उपयोग करने वाला होना चाहिए, जैसे संरक्षित खेती, सूक्ष्म सिंचाई, मल्चिंग आदि. चयन प्रक्रिया में महिला किसानों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को भी विशेष प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. उपनिदेशक कल्प वर्मा ने बताया की सरकार ने 20 दुग्ध उत्पादकों और पशुपालकों को भी इस योजना के तहत विदेश भेजने का फैसला लिया है. इसके लिए चयन मापदंडों में पशुपालक के पास कम से कम 20 गाय या भैंस का स्वामित्व और 10 वर्षों का पशुपालन का अनुभव होना चाहिए. इसके अलावा, उच्च पशुपालन तकनीकों का उपयोग करने वाले पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी.
कृषक और पशुपालक का चयन विभागीय कमेटी की ओर से स्कोर क्राइटेरिया के आधार पर किया जाएगा. इसमें उनकी शिक्षा, अनुभव और तकनीकी दक्षता को ध्यान में रखा जाएगा. चयनित किसानों को विदेश भेजने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सरकार की ओर से की जाएंगी. विदेश से लौटने के बाद किसानों को अपने अनुभवों को अन्य किसानों के साथ साझा करना अनिवार्य होगा. इससे राज्य के अन्य किसान भी उन्नत कृषि तकनीकों के लाभ से अवगत हो सकेंगे और उन्हें अपनी खेती में लागू कर सकेंगे. दूसरी ओर कृषि विभाग कार्यालय पहुंचकर योजना के बारे में जानकारी ले रहे किसानों ने भी सरकार की इस योजना का स्वागत किया है और कहा है कि सरकार किसानों के लिए पहले भी कई कल्याणकारी योजना चलाती रही है. इस योजना के जरिए भी किसानों को दुनिया की नई नई कृषि तकनीक के साथ-साथ कृषि उपकरण और संसाधनों के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी. विदेश यात्रा से मिले अनुभव के आधार पर वो अपने खेत में भी नई तकनीक से खेती कर अपनी उपज बढ़ा सकेंगे.