रांची: झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को मोरहाबादी मैदान में शपथ ली. इसके बाद शाम को मंत्रालय में उन्होंने मीडिया से कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार भी जल्द कर लिया जाएगा.
लेकिन उनका मंत्रिमंडल कैसा होगा, टीम हेमंत में इस बार कौन-कौन मंत्री बनेंगे और किस दल के कोटे से कितने मंत्री बनेंगे यह अभी तक साफ नहीं हुआ है. ऐसे में अब राज्य की राजनीति में यह कयास तेज है कि किस दल से कितने मंत्री बनेंगे और कांग्रेस-झामुमो और राजद के कोटे से कितने मंत्री बनेंगे. क्या 04-01 या 05-01 के फार्मूले का पेंच फंसने की वजह से मंत्रिमंडल का स्वरुप फाइनल नहीं हो पा रहा है.
कांग्रेस की चाहत 2019 वाले फॉर्मूले पर ही मंत्रिमंडल का हो गठन
झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक के तहत चार दलों (झामुमो+कांग्रेस+राजद+सीपीआई माले) ने एक साथ चुनाव लड़ा और बहुमत से अधिक सीटें जीत ली. इस बार इंडिया ब्लॉक को 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में 56 सीटें मिली है. जबकि 2019 में महागठबंधन (JMM+Congress+RJD) को कुल 47 सीटें मिली थीं. उस समय चार विधायकों पर एक मंत्री पद का फॉर्मूला के तहत हुआ था. जिसमें मुख्यमंत्री को मिलाकर 07 बर्थ झामुमो का, 04 मंत्री पद कांग्रेस के पास और चुनाव पूर्व के सहयोगी को पर्याप्त नंबर नहीं होते हुए भी हेमंत सोरेन ने मंत्रिमंडल में राजद को जगह दी.
इस बार चुनाव जीतने वाले विधायकों की संख्या बढ़कर 56 हो गयी है. ऐसे में झामुमो की चाहत 04 की जगह 05 विधायक पर एक मंत्री पद की है. जाहिर है कि इस फॉर्मूले से इस बार झामुमो के पास 07 की जगह मुख्यमंत्री को मिलाकर 08 मंत्री पद आएंगे जबकि 16 विधायक वाली पार्टी कांग्रेस के पास 03 और राजद के पास 01 मंत्री पद आएगा. पार्टी सूत्र बताते हैं कि यहीं पर मंत्रिमंडल विस्तार का पेंच थोड़ा फंसा हुआ है.
ये है झामुमो का अंकगणित
नए मंत्रिपरिषद में कितने विधायक पर कितना मंत्री हो, इस पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय पूरा गणित समझा देते हैं. वह कहते हैं कि कितने विधायक पर एक मंत्री पद हो इसका फैसला तो मुख्यमंत्री और सभी सहयोगी दलों के शीर्ष नेताओं को करना है. लेकिन झामुमो इस बार 05 विधायक पर 01 मंत्री पद चाहता है क्योंकि पिछली दफा महागठबंधन के विधायकों की कुल संख्या 48 थी जो इस बार बढ़कर 56 हो गया है.