रांची: झारखंड का राजमहल लोकसभा सीट पाकुड़ और साहिबगंज जिलों के विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बना है. इस सीट को अनुसूचित जनजाति उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया गया है. आदिवासी बाहुल्य वाले इस इलाके में साहिबगंज के राजमहल, बोरियो और बरहेट विधानसभा क्षेत्र आता है. जबकि पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा, पाकुड़ और महेशपुर विधानसभा क्षेत्र भी इस लोकसभा सीट में शामिल हैं.
राजमहल लोकसभा सीट के अंतर्गत जो 6 विधानसभा क्षेत्र हैं उनमें चार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं जबकि दो सीट सामान्य है. इस लोकसभा सीट का गठन 1957 में ही हो गया था. यहां पर शुरुआत से ही कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों के बीच मुकाबला होता आया है. इस सीट पर जीत की बात करें तो कांग्रेस ने यहां से 8 बार जीत हासिल की है. वहीं झामुमो ने भी यहां पर 5 बार जीत हासिल की है. इसके अलावा बीजेपी दो बार और बीएलडी के अलावा जनता पार्टी ने भी एक एक बार यहां जीत हासिल की है.
बिहार से अलग होकर झारखंड बनने के बाद यहां झामुमो और बीजेपी के बीच टक्कर होती आई है. हालांकि यहां पर झामुमो को बड़ा समर्थन प्राप्त है. 2014 और 2019 में मोदी लहर होने के बाद भी झामुमो उम्मीदवार विजय हांसदा ने जीत दर्ज की थी और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था.
2024 लोकसभा चुनाव के लिए इस बार बीजेपी ने यहां से ताला मरांडी पर भरोसा जताया है. दूसरी तरफ माना जा रहा है कि यहां से झामुमो फिर से विजय हांसदा को ही उम्मीदवार बनाएगा. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी के ताला मरांडी विजय हांसदा को मात दे पाएंगे.