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रियलिटी चेकः झारखंड के अलग-अलग जिलों के प्रमुख तालाबों का हाल, कहीं खुशी तो कहीं गम वाली है स्थिति - condition of major ponds

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 21, 2024, 2:24 PM IST

Major ponds of Jharkhand. झारखंड के विभिन्न जिलों के शहरी क्षेत्र में स्थित तालाबों की हालत ज्यादा अच्छी नहीं है. एक दो जिलों को छोड़ दें तो बाकी जिलों के तालाब की स्थिति चिंताजनक है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट

CONDITION OF MAJOR PONDS
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

रांचीः राजधानी का बड़ा तालाब इन दिनों चर्चा में है. इसकी वजह है तालाब के पानी से आ रही बदबू. आसपास के लोगों ने जब विरोध प्रदर्शन किया तो नगर निगम के स्तर पर ब्लीचिंग डालकर दुर्गंध को दूर करने की फौरी कोशिश की गई, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं दिखा. रांची नगर निगम अब वाटर का ट्रीटमेंट कराने के लिए दूसरे राज्यों में किए गये पहल का डाटा कलेक्ट कर रहा है.

छत्तीगसगढ़ के अम्बिकापुर के लैब साइंटिस्ट डॉ प्रशांत शर्मा द्वारा बैक्टिरिया और फंगस को मिलाकर तैयार कंसोर्टिया को वैसे तालाबों में डालने से पानी की गुणवत्ता पर पड़ रहे सकारात्मक प्रभाव की खबर ईटीवी भारत द्वारा चलाए जाने पर नगर निगम के संयुक्त आयुक्त ने डॉ प्रशांत शर्मा से संपर्क कर उनसे रिपोर्ट मांगी है.

इस मामले पर झारखंड हाईकोर्ट भी गंभीर है. कोर्ट की फटकार के बाद रांची नगर निगम की नींद खुली है. इस दिशा में पहल भी शुरु हो गई है. लेकिन सवाल है कि क्या राज्य के दूसरे जिलों के प्रमुख तालाबों की स्थिति ठीक है. क्या अलग-अलग जिलों के प्रमुख तालाबों की देखरेख हो रही है. क्या वहां का पानी नहाने लायक है. इन सवालों की पड़ताल के दौरान ईटीवी भारत को कहीं से सुकून देने वाले तो कहीं से परेशान करने वाली तस्वीरें दिखीं.

झारखंड के प्रमुख तालाबों का हाल बेहाल

खूंटी का एसडीओ तालाब (ईटीवी भारत)

रांची जिला से सटे खूंटी में एकमात्र सरकारी तालाब है. इसका नाम है एसडीओ तालाब. लाखों खर्च करने के बाद यह तालाब अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. सदर अस्पताल का गंदा पानी जाने से तालाब का पानी खराब हो चुका है. तालाब के किनारे बनी सीढ़ियां जर्जर हाल में हैं, इस तालाब के किनारे नगर पंचायत, जिला परिषद, कृषि विभाग, भूमि संरक्षण विभाग, एसपी आवास के अलावा कई सरकारी कार्यालय हैं, लेकिन इस तालाब की दुर्गति किसी को नजर नहीं आ रही है.

रामगढ़ के थाना चौक स्थित बड़ा तालाब (ईटीवी भारत)

रामगढ़ के बिजुलिया तालाब की स्थिति भी बेहद खराब है. यहां मछली पालन होता है. छठ पूजा होती है. फिर भी यहां बड़े नाले का पानी गिरता रहता है. इस तालाब के पानी से भी बदबू आती है. रामगढ़ के थाना चौक के पास के बड़ा तालाब की स्थिति ऐसी है कि दुर्गंध की वजह से वहां से गुजरना दुभर हो जाता है.

रामगढ़ छावनी परिषद स्थित तालाब (ईटीवी भारत)
गिरिडीह का मानसरोवर तालाब (ईटीवी भारत)

गिरिडीह में मशहूर है मानसरोवर तालाब. लेकिन इस तालाब में जलकुंभी भरी हुई है. लोग कूड़ा-कचरा डालते हैं. फिलहाल इसकी सफाई की जा रही है. लेकिन समय के साथ यह तालाब सिमटता जा रहा है.

लातेहार मुख्यालय स्थित मत्स्य तालाब (ईटीवी भारत)

लातेहार जिला मुख्यालय में है मत्स्य तालाब. इस तालाब का सौदर्यीकरण भी किया गया था. फिर भी बदहाल स्थिति में है. इस तालाब के पानी का कोई उपयोग नहीं हो पाता है.

सरायकेला के आदित्यपुर शहरी क्षेत्र में तीन प्रमुख तालाब थे. अब ये तालाब गायब हो चुके हैं. इन तालाबों की जगह बड़े-बड़े इमारत बन गये हैं. जहां ये तालाब थे वहां तीन अपार्टमेंट्स और एक निजी यूनिवर्सिटी बन गई है.

साहिबगंज में 85 अमृत सरोवर का निर्माण कराया गया था. पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार भी कराया गया. लेकिन ज्यादातर अमृत सरोवर में पानी नहीं है. तालाब के चारों ओर पौधे लगाए गये थे जो सूख चुके हैं. बरहेट के हरिशचंद्रपुर गांव के अमृत सरोवर की तस्वीर खुद सच्चाई बयां कर रही है.

दुमका का बख्शी बांध तालाब (ईटीवी भारत)

राज्य की उपराजधानी दुमका शहर के बीचों बीच है बख्शी बांध तालाब. जलकुंभी की वजह से पता ही नहीं चलता कि यह तालाब भी है. इसके आसपास कई खटाल हैं. इस तालाब में गंदा पानी गिरता है. इसके जीर्णोद्धार के लिए नगर परिषद ने 25 लाख रु. खर्च किए. फिर भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ.

जामताड़ा का सरकार बांध तालाब (ईटीवी भारत)

जामताड़ा की संस्कृति का हिस्सा रहा है तालाब. यहां कई तालाब हैं. लेकिन यहां के सबसे चर्चित सरकार बांध तालाब की हालत दयनीय है. इस तालाब में गंदगी का अंबार है. यहां का नगर पंचायत और जनप्रतिनिधि इसके रखरखाव को लेकर संवेदनहीन बने हुए हैं.

सिमडेगा शहर का छठ तालाब (ईटीवी भारत)

सिमडेगा शहर में एक छठ तालाब है. यहां साल में एक बार छठ के दौरान रौनक दिखती है. तस्वीर बता रही है कि इस तालाब की स्थिति कैसी है. सीढ़ियों पर घास उगे हुए हैं.

कुछ जिलों में बेहतर स्थिति में हैं तालाब

चतरा का नायकी तालाब (ईटीवी भारत)

चतरा शहर के प्रमुख तालाबों में नायकी तालाब से सभी वाकिफ है. हाल में ही इस तालाब की साफ सफाई हुई है. सौदर्यीकरण का भी काम हुआ है. फिलहाल यह तालाब बेहतर स्थिति में हैं.

बोकारो का सोलगीडीह तालाब (ईटीवी भारत)

बोकारो के चास में है सोलगीडीह तालाब. चास नगर निगम क्षेत्र में है. इस तालाब की सफाई और खुदाई का काम चल रहा है. अगर समय पर कार्य पूरा हो गया तो यह तालाब चास में आकर्षण का केंद्र बनेगा.

लोहरदगा का विक्टोरिया तालाब (ईटीवी भारत)

लोहरदगा में है विक्टोरिया तालाब. इस तालाब में पानी भरा हुआ है. आसपास के आम लोग भी इस तालाब की देखरेख करते हैं. यह तालाब शहर के आकर्षण का केंद्र है. इतनी गर्मी के बावजूद इस तालाब में पानी भरा है.

गोड्डा का राज कचहरी तालाब (ईटीवी भारत)

गोड्डा का राज कचहरी तालाब आज भी इस शहर की लाइफ लाइन बना हुआ है. 1925 में अंग्रेजों ने नगरवासियों के पेयजल के लिए इस तालाब को बनवाया था. इसके सौंदर्यीकरण पर 20 करोड़ रु. खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन शहर से मूलर्स टैंक का पानी सूख गया है. शहर के शिवपुर मोहल्ले में भी के तालाब है जो सौदर्यीकरण की बांट जोह रहा है.

जमशेदपुर का करीम तालाब (ईटीवी भारत)

जमशेदपुर के सुंदरनगर थाना क्षेत्र में है करीम तालाब. इस साल गर्मी में पानी सूख गया है. यह निजी तालाब है. वहीं बागबेड़ा थानाक्षेत्र के हरहरगुट्टू में 70 साल पहले बने बड़ा तालाब में आज भी पानी भरा हुआ है. थोड़ी गंदगी जरुर है. फिर भी बेहतर हाल में है.

जमशेदपुर के बागबेड़ा स्थित बड़ा तालाब (ईटीवी भारत)

झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है. यहां ज्यादातर गांवों में तालाब नजर आ जाएंगे. ग्रामीण अपने स्तर पर तालाबों की देखरेख कर लेते हैं. लेकिन शहरी क्षेत्रों में मौजूद ज्यादातर तालाबों की स्थिति बदहाल है. इन तालाबों की देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम, नगर परिषद या नगर पंचायत के हाथों में होती है. लेकिन पुराने तालाबों को मेंटेन करने के लिए सिर्फ प्लान बनाए जाते हैं. यही वजह है कि राज्य के ज्यादातर शहरों का ग्राउंड वाटर लेवल नीचे जा रहा है. अगर सिस्टम नहीं जागा तो आने वाले कुछ वर्षों में पानी के लाले पड़ जाएंगे.

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