देवघरः झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारी में जुट गई हैं. इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन के सभी दल अपनी-अपनी गोटी सेट करने में जुटे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा सीटों पर उन्हें चुनाव लड़ने का मौका मिल सके. इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए के फोल्डर में जनता दल यूनाइटेड भी है. नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड इस उम्मीद में है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में उन्हें भी एनडीए फोल्डर से ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा.
देवघर विधानसभा सीट पर जदयू की नजर
जदयू को उम्मीद है कि देवघर सीट पर उनके खाते में आएगी. क्योंकि देवघर सीट पर झारखंड बनने के बाद एक बार जनता दल यूनाइटेड के विधायक ने बाजी मारी है. झारखंड गठन के बाद वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड से कामेश्वर दास ने देवघर विधानसभा सीट से जीत प्राप्त की थी. वहीं वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में जदयू की तरफ से चुनाव लड़ रहे कामेश्वर दास तीसरे नंबर पर रहे थे.
जेडीयू के नेता लगाए हुए हैं उम्मीद
इस संबंध में देवघर विधानसभा से जेडीयू के पूर्व विधायक रह चुके कामेश्वर दास बताते हैं कि एनडीए गठबंधन के साथ यदि सीटों का बंटवारा होगा तो देवघर जिला के जदयू कार्यकर्ताओं को पूरी उम्मीद है कि देवघर विधानसभा सीट जदयू के कोटे में आएगी.
बातचीत के बाद निर्णय होगाः श्रवण कुमार
वहीं इस संबंध में झारखंड जेडीयू के पूर्व प्रभारी सह बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार बताते हैं कि एनडीए गठबंधन के साथ मिलकर जेडीयू का चुनाव लड़ना तय हो गया है. जरूरत है बेहतर बातचीत की. बातचीत के बाद जो भी निर्णय जेडीयू और बीजेपी की तरफ से लिए जाएगा उसके बाद कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
जेडीयू के खाते में देवघर में आई तो जीत तय
वहीं जेडीयू के कार्यकर्ता पप्पू यादव बताते हैं कि देवघर विधानसभा सीट बिहार बॉर्डर के काफी करीब है. बेलहर विधानसभा, चकाई विधानसभा, जमुई,कटोरिया और बांका के ज्यादातर लोग देवघर में रहते हैं. इसलिए देवघर विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले लोग नीतीश कुमार को काफी पसंद करते हैं. ऐसे में यदि एनडीए के साथ देवघर विधानसभा सीट जदयू को मिलती है तो जीत की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है.
देवघर सीट पर बीजेपी का कब्जा
मालूम हो के पीछले 10 वर्षों से देवघर विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी के नारायण दास विधायक के रूप में जीत रहे हैं. ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि गठबंधन के तहत देवघर विधानसभा सीट जदयू के पास जाने की कितनी संभावना है.
बता दें कि वर्ष 2013-14 तक जेडीयू के झारखंड मंत्रालय में मंत्री हुआ करते थे, लेकिन धीरे-धीरे जेडीयू अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि को खोती गई,लेकिन वर्ष 2024 के होने वाले चुनाव में एनडीए गठबंधन के साथ जदयू की उम्मीद जगी है. अब देखने वाली बात होगी कि जेडीयू को देवघर सीट मिलती है या नहीं.
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