रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में वैसे तो कई संकल्प और गारंटियों की बहार है. लेकिन एनडीए हो या इंडिया गठबंधन सभी की राजनीति के केंद्र में महिला वोटर्स ही हैं. इसको लेकर दोनों दल अपनी अपनी योजनाओं के साथ महिला मतदाताओं को रिझाने में लगे हैं.
भारतीय जनता पार्टी महिला वोटरों को देश के अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी अपना साइलेंट और महत्वपूर्ण वोटर मानकर गोगो दीदी योजना के भरोसे सत्ता पाने की उम्मीद लगाए बैठी है. वहीं भाजपा के इसी मजबूत माने जाने वाले वोट बैंक में सेंधमारी की पूरी योजना बनाकर इंडिया गठबंधन के दल झामुमो, कांग्रेस, राजद और माले राज्य में दोबारा सत्ता पाने की योजना बना रखी है. इसलिए हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार तीन महीने पहले से 18 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं को 1000 रु. प्रति माह सम्मान योजना के रूप में देना शुरू कर दिया और वादा अगले महीने से इसे ₹2500 करने की है.
महिला वोटर्स को पक्ष में कर एक तीर से दो निशाना साधना इंडिया ब्लॉक का लक्ष्य
दरअसल, झारखंड में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 2.58 करोड़ है. इनमें पुरुष वोटरों की संख्या करीब 1.30 करोड़ है जबकि महिला वोटरों की संख्या लगभग 1.28 करोड़ है.
वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि ऐसा माना जाता रहा है कि अधिसंख्य महिला वोटर भाजपा की साइलेंट वोटर होती हैं और वह पुरुषों की अपेक्षा बढ़-चढ़कर वोटिंग भी करती हैं. ऐसे में अगर इस समूह के बड़े हिस्से को मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के भरोसे सत्ताधारी दल फिर से सत्ता में लौटने की उम्मीद लगाए बैठा है.
वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि अगर इंडिया गठबंधन महिला वोटरों का विश्वास जितने में सफल हो जाती है तो उसका लाभ जहां गठबंधन को मिलेगा, वहीं सीधा नुकसान भाजपा को उठाना पड़ेगा. यही वजह है कि हर चुनावी सभा में इंडिया ब्लॉक के स्टार प्रचारकों द्वारा मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का चुनावी सभाओं में जिक्र किया जाता है. बल्कि चुनावी भाषण सुनने आईं महिलाओं से दोनों हाथ उठाकर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को जीताने का संकल्प भी दिलाई जाती है.