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Delhi: बीमार, बुजुर्ग या दिव्यांग यात्री के लिए रेलवे स्टेशन पर इस तरह फ्री में ले सकते व्हील चेयर की सुविधा

बुजुर्ग या दिव्यांग यात्रियों को कई बार रेलवे स्टेशन पर व्हीलचेयर की जरूरत पड़ती है. आइए जानते हैं कैसे यह सुविधा पाई जा सकती है..

इस तरह लें रेलवे स्टेशन पर व्हीलचेयर सुविधा
इस तरह लें रेलवे स्टेशन पर व्हीलचेयर सुविधा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 17, 2024, 2:16 PM IST

नई दिल्ली:इन दिनों ट्रेनों में त्योहार पर घर जाने वालों की भीड़ देखी जा रही है. अगर आपके साथ में बीमार, बुजुर्ग या दिव्यांग यात्री हैं और ट्रेन तक उन्हें ले जाने में असुविधा हो रही है तो यह जान लें कि रेलवे की तरफ से व्हीलचेयर भी मुहैया कराई जाती है. इसके जरिए बीमार, बुजुर्ग या दिव्यांग यात्री को आसानी से ट्रेन तक ले जाया जा सकता है. आइए जानते हैं व्हीलचेयर लेने की प्रक्रिया क्या है.

दरअसल, बड़े रेलवे स्टेशनों पर ज्यादा भीड़भाड़ होती है. साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए एस्केलेटर और लिफ्ट आदि भी मौजूद होता है. लेकिन कभी-कभी लिफ्ट आदि की सुविधा न होने से दिव्यांग यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि ट्रेन में किसी बुजुर्ग, बीमार या दिव्यांग यात्री के साथ सफर करते हैं तो रेलवे स्टेशनों पर व्हीलचेयर की सुविधा दी जाती है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, रेलवे स्टेशन पर सुविधा केंद्र, स्टेशन डायरेक्टर, स्टेशन मैनेजर या स्टेशन मास्टर के पास जाकर व्हीलचेयर की सुविधा कोई भी यात्री ले सकता है. व्हीलचेयर के लिए रेलवे की तरफ से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है.

कुली को देना पड़ता है पैसा: रेलवे की तरफ से यात्रियों को व्हीलचेयर की सुविधा फ्री में दी जाती है, लेकिन व्हीलचेयर लेने के लिए यात्री को सबसे पहले कुली से बात करनी पड़ती है. इसके बाद कुली अपना बिल्ला रेलवे अधिकारी के पास जमा करता है, जिसके आधार पर उसे व्हीलचेयर दी जाती है. कुली व्हीलचेयर के जरिए यात्री के साथ बुजुर्ग, बीमार या दिव्यांग यात्री को उसकी ट्रेन में बैठाने के बाद व्हीलचेयर को रेलवे अधिकारी के पास लाकर देता है और उसका बिल्ला वापस मिल जाता है.

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पहले होता था ऐसा: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अधिकारियों के मुताबिक, पहले यात्रियों को उनके अनुरोध पर व्हीलचेयर दे दी जाती थी. लेकिन, फिर वह व्हीलचेयर वापस देने नहीं आते थे. इस तरह कई बार व्हीलचेयर चोरी भी हो जाती थी. इसे देखते हुए नियम में बदलाव लाया गया. हालांकि आज भी इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है.

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