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होम्योपैथी के फायदे, बरसाती रोग में दवाई का सेलेक्शन ठीक हुआ तो जादू जैसा होगा असर! - Seasonal diseases

Homeopathic medicines for seasonal diseases. बरसात का मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है. ऐसे मौसम में होने वाली बीमारियों में होम्योपैथी बेहद कारगर है. झारखंड आयुष निदेशालय के उपनिदेशक बता रहें, इन मौसम जनित बीमारी में किन दवाइयों से आप जल्द हो सकते हैं ठीक.

Know how Homeopathy medicines very effective in diseases occurring during monsoon
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 13, 2024, 9:01 AM IST

रांची: मानूसन के इस मौसम में आये दिन घर का कोई न कोई सदस्य किसी न किसी तरह की बीमारी से परेशान रहता है. झारखंड में इस बारिश के मौसम में लोगों को सबसे अधिक स्वास्थ्य संबंधी जो समस्या होती है. उसमें वायरल फीवर, कोल्ड एंड कफ यानी सर्दी खांसी, स्किन के इन्फेक्शन से जुड़ी बीमारियां और कंजक्टिवाइटिस जिसे सामान्य भाषा में आंख आना कहते हैं वह प्रमुख है.

बरसात के मौसम में होने वाली बीमारी पर होम्योपैथी इलाज के बारे में बताते झारखंड आयुष निदेशालय उपनिदेशक (ETV BharatETV Bharat)

बीमार होने की स्थिति में ज्यादातर लोग इलाज के लिए अंग्रेजी पद्धति यानी एलोपैथिक मेडिसीन लेते हैं लेकिन अब ट्रेंड बदल रहा है. एंटीबायोटिक्स और अन्य अंग्रेजी दवाई की साइड इफेक्ट को देखते हुए लोग अब वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति की ओर रुख करने लगे हैं. सीजनल बीमारियों के निदान के लिए लोगों का भरोसा होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी दवाओं की ओर बढ़ा है.

मानसून में होने वाली सामान्य बीमारियों के निदान में होम्योपैथी कितना कारगर है और क्या वे कुछ खास दवाएं हैं. जिसका बीमारी के लक्षण के अनुसार उपयोग कर हम स्वस्थ हो सकते हैं. इसके लिए ईटीवी भारत ने झारखंड आयुष के उपनिदेशक और प्रख्यात होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अशोक पासवान से बात की. इस खास बातचीत में उन्होंने होम्योपैथी के फायदे गिनाए. इसके अलावा सबसे खास बता उन्होंने बताई वो ये है कि होम्योपैथी में दवाई का चुनाव सटीक होना चाहिए, अगर ऐसा हुआ तो असर बहुत जल्द होता है.

बरसात में त्वचा की बीमारियों में होम्योपैथी कारगर

झारखंड आयुष निदेशालय उपनिदेशक डॉ. अशोक पासवान कहते हैं कि बरसात के मौसम में न चाहते हुए भी कई बार हम भींग जाते हैं. ऐसे में कई बार कपड़े भी सही से नहीं सूखता, ऐसे में शरीर पर लाल धब्बे, चकते, खुजली जैसी समस्याएं होती हैं. इन बीमारियों में सल्फर, रस्टॉक्स, इकेमिना, डल्कामारा जैसी दवाएं बेहद कारगर हैं. बीमारी की तीव्रता और अन्य लक्षण के अनुसार दवा की पोटेंसी निर्धारित की जाती है. उन्होंने कहा कि वैसे एक्यूट मामले में 30 और 200 नम्बर की दवा लेना कारगर होता है.

बरसात में मौसम में होने वाली बीमारियों के लक्षण (ETV Bharat)

कोल्ड एंड कफ

मानसून के सीजन में सबसे ज्यादा स्वास्थ्य संबंधी जो समस्याएं आती हैं उसमें पहला नाम कोल्ड एंड कफ यानी सर्दी खांसी की है. इसके साथ साथ गले में खरास, बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द भी लोगों को परेशान करता है. डॉ. अशोक पासवान कहते हैं कि इस मौसम में होनेवाले सर्दी-खांसी, बुखार, नाक से पानी और बार बार छींक आना जैसे लक्षणों में एपिटोरियम 30, रस्टक्स 30, बेलाडोना 30, हीपर सल्फर 30 जैसी दवाएं बहुत उपयोगी साबित होती है. वायरल फीवर के चलते तेज बुखार होने पर सबसे पहले बीमार व्यक्ति की गीले कपड़े से पूरे शरीर को बार बार पोंछने से शरीर का तापमान कम होता है. बेलाडोना, ब्रायनिया, एकोनाइ जैसी दवा 30 पोटेंसी में हर दो-दो घंटे के अंतराल पर बड़ों को दो से चार बूंद और बच्चों को दो बूंद देने से लाभ होता है.

पेट संबंधी बीमारी

डॉ. अशोक पासवान कहते हैं कि इस मानसूनी मौसम में पेट संबंधी बीमारियां जैसे इंटेस्टाइनल इन्फेक्शन, अमेबिक डिसेंट्री, डायरिया की बीमारी भी आम है. इन बीमारियों की रोकथाम के लिए बाहरी और खुले में बिक रही चीजों के खाने से परहेज, गुनगुना पानी का सेवन, साफ-सफाई का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. इसके साथ-साथ इन बीमारियों के इलाज में होम्योपैथी की एलो-एस 30, नक्स वोमिका 30, चाइना 30, मर्क-कोर 30 नाम की दवा बेहद कारगर साबित होती है.

कंजक्टिवाइटिस यानी आंख आने की बीमारी

मानसून में वायरल इन्फेक्शन की वजह से कंजक्टिवाइटिस यानी आंख आने की बीमारी आम है. आयुष निदेशालय उपनिदेशक डॉ. अशोक पासवान कहते हैं कि इस बीमारी में आंख लाल होना, आंखों में तेज जलन, पानी गिरना, आंखों में इचिंग होना जैसे कई लक्षण होते हैं. इस बीमारी के रोगी को काला रंग का अच्छे क्वालिटी का गॉगल्स पहनना चाहिए ताकि संक्रमण अन्य लोगों में फैलने का खतरा कम हो. उन्होंने बताया में होम्योपैथी में इस बीमारी का भी बेहद कारगर और सटीक दवा उपलब्ध हैं. यूफरेसिया और सिनेरिया नाम से आई ड्रॉप और बेलाडोना 30, मर्क सोल 30, यूफरेसिया 30 दवा की दो-दो बूंद दिन में 03 से 04 बार प्रयोग करने से बीमारी जल्द ठीक होती है.

बरसात में मौसम में होने वाली बीमारियों में होम्योपैथी इलाज (ETV Bharat)

दवाई का सही सलेक्शन हुआ तो जल्द ठीक कर देती है बीमारी

झारखंड आयुष के उपनिदेशक डॉ. अशोक पासवान कहते हैं कि यह सोच सही नहीं है कि होम्योपैथी की दवाएं देर से असर करती हैं. अगर योग्य चिकित्सक बीमारी के सभी लक्षण को जानकर सही दवा का चयन करें तो होम्योपैथी दवा भी एलोपैथी की दवाओं जैसे तेज असर करती है. होम्योपैथी मेडिकल सिस्टम ही बीमारियों के लक्षण पर आधारित है. ऐसे में एक एक दवा कई बीमारियों में उपयोग में आता है. ऐसे में योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक की परामर्श पर ही दवा लेना चाहिए. यह आज की तारीख में भी ऐलोपैथी की दवाइयों से सस्ती है और ज्यादातर दवाई का कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ता. राज्य के हर जिले के आयुष अस्पताल और आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) में आयुष चिकित्सक उपलब्ध हैं. अस्पताल में निशुल्क डॉक्टरी सलाह के साथ साथ दवा भी निशुल्क दी जाती है.

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