रायपुर:छत्तीसगढ़ में गर्मी की शुरुआत हो चुकी है. गर्मी में आमतौर पर सभी लोगों को सावधानी बरतनी पड़ती है, लेकिन गर्मी में गर्भवती महिलाओं को अपने और अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए सतर्क रहना पड़ता है. गर्भवती महिलाओं को दूसरे मौसम की तुलना में गर्मी में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. गर्भवती महिलाओं में कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं, जिसमें बेचैनी, चक्कर आना, थकान महसूस होना, कोई भी काम करने की इच्छा न होना. इस तरह की समस्याएं गर्मी में और भी बढ़ जाती है. ऐसे में गर्मी के दिनों में गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर सावधानी बरतनी चाहिए.
अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का करें सेवन:इस बारे में ईटीवी भारत ने रायपुर के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सावेरी सक्सेना से बातचीत की. स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सावेरी सक्सेना ने बताया कि, "गर्मी के दिनों में गर्भवती महिलाओं को पानी या फिर कोई भी तरल पदार्थ की मात्रा पहले की तुलना में अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को गर्मी के दिनों में जूस, पानी या फिर कोई भी तरल पदार्थ कम से कम दिन में तीन से चार लीटर पीना चाहिए. ग्लास के अनुसार पूरे दिन में 15 से 20 ग्लास पानी पीना चाहिए. ऐसा करने से गर्मी में यूरिन इंफेक्शन नहीं होता. साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे को भी इसका फायदा मिलता है. गर्मी के दिनों में पसीना आने के कारण शरीर से पानी की मात्रा कम हो जाती है. ऐसे में चक्कर आने के साथ ही बीपी लो हो सकता है. बेचैनी महसूस हो सकती है. इसलिए तरल पदार्थ का अधिक सेवन जरूरी है."