हजारीबागः अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरे राज्य भर में प्रसिद्ध हजारीबाग कोयला उत्पादन के लिए भी अब पूरे देश में विख्यात रहा है. दूसरी ओर राजनीतिक दृष्टिकोण से भी हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र बेहद खास है. हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी के लिए सुरक्षित सीट माना जाता है. इसके बावजूद हजारीबाग के लोगों ने यशवंत सिन्हा को मंत्री रहने के बावजूद हार का रास्ता दिखाते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार भुवनेश्वर मेहता को सांसद बना कर दिल्ली भेजा था. इस कारण भी हजारीबाग देशभर में सुर्खियों में रहता है. वर्तमान समय में जयंत सिन्हा दो बार से सांसद हैं. इसके पहले यशवंत सिन्हा जो उनके पिता हैं वह सांसद रह चुके हैं. जिन्हें देश का वित्त एवं विदेश मंत्री की जिम्मेवारी भी सौंप गई थी.
जयंत सिन्हा की बात की जाए तो पहले कार्यकाल में उन्हें उड्डयन मंत्री की जिम्मेदारी सौंप गई. दूसरे कार्यकाल में उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया. उन्हें संसदीय वित्त समिति का अध्यक्ष बनाया गया. फरवरी महीने में ही सांसद जयंत सिन्हा को सर्वश्रेष्ठ सांसद व उनकी अध्यक्षता में कार्यरत संसदीय वित्त समिति को पांच वर्षों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए संसद महारत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
हजारीबाग लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते हुए सदन के सभी सत्रों में वो क्षेत्र व राष्ट्र से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण मुद्दे उठाते रहे हैं. उन्होंने पिछले 5 वर्षों में सदन में देशहित से जुड़े 13 प्राइवेट मेंबर बिल प्रस्तुत किए हैं. 2019 से लेकर अभी तक सदन में लगभग 1,000 प्रश्न उठाए हैं. 24 विषयों पर डिबेट की है और जीरो आवर के तहत 54 और नियम 377 के तहत 29 महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन का ध्यान आकृष्ट कराया है. साथ ही उनकी उपस्थिति लगभग 100 प्रतिशत रही है. जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने पांच वर्षों में महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसके आधार पर केंद्र सरकार की नीतियां बनीं.
जयंत सिन्हा ने अपने रिपोर्ट कार्ड पर ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान अपने 10 साल के काम का लेखा-जोखा भी साझा किया है. उन्होंने बताया कि 40 हजार करोड़ रूपए से अधिक का निवेश हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में किया गया है, जो पूरे देश भर में रिकॉर्ड स्थापित कर सकता है. इसमें केंद्र सरकार की योजना के साथ-साथ सीएसआर फंड का उपयोग किया गया है. मुख्य रूप से पतरातू सुपर थर्मल पावर प्लांट में 20 हजार करोड़ रूपया, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में 200 करोड़, राष्ट्रीय राजमार्ग में 5000 करोड़ रूपया, 4000 करोड़ रेलवे में खर्च किया गया है. सेंटर फॉर ट्रैवल स्टडीज में 6 करोड़, अक्षय पात्र रसोई घर में करोड़ों रुपया का खर्च, मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 1500 करोड़ की परियोजना, पर्यटन स्थल पतरातू डैम के समीप स्थल में 200 करोड़ का खर्च किया गया है. इसी प्रकार डीएमएफटी में हजारों करोड़ रूपया हजारीबाग जिले को दिया गया है.
पिछले 10 सालों में 76 हजार से अधिक परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला, तीन लाख लोगों से अधिक परिवारों को राशन दिया जा रहा है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत 3 लाख परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराया गया. प्रधानमंत्री दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना से लगभग 1700 गांव में 57 हजार से अधिक घरों को विद्युत से जोड़ा गया है. जल जीवन मिशन से 2.5 लाख घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है. वहीं हजारीबाग जिले में 2.5 लाख से अधिक महिलाओं को उज्ज्वला गैस योजना का लाभ दिया गया. 13 लाख से अधिक जनधन योजना का खाता विभिन्न बैंक में खोला गया है. आयुष्मान भारत के तहत 10 लाख लोगों को कार्ड उपलब्ध कराया गया है. इसी तरह गांव में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से सड़क तैयार की गई और मिशन इंद्रधनुष के तहत हजारों हजार बच्चों का मुफ्त में टीकाकरण किया गया.
यही नहीं कोरोना काल के दौरान हजारीबाग और रामगढ़ वासियों को निशुल्क वैक्सीन भी उपलब्ध कराई गई. हजारीबाग, रामगढ़ और बरही में ऑक्सीजन प्लांट का तोहफा दिया गया. जिसमें 500 से अधिक ऑक्सीजन बेड, 80 वेंटीलेटर बेड और 250 से अधिक उपकरण देकर अस्पताल दुरुस्त किए गए हैं. 10 लाख मास्क और 25 हजार सुरक्षा व स्वच्छता किट का वितरण भी हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में किया गया है.
जयंत सिन्हा के कार्यकाल पर क्या कहते हैं कांग्रेस जिला अध्यक्ष
हजारीबाग जिला कांग्रेस अध्यक्ष शैलेंद्र यादव ने जयंत सिन्हा के पिछले 10 साल के कार्यकाल पर सवालिया निशान खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि जो आशीर्वाद और प्यार हजारीबागवासियों ने उन्हें दिया है उन्होंने विश्वासघात किया है. नली गली बनाने वाले सांसद लोगों के बीच से गायब रहे. पिछले चुनाव में उन्होंने जो वादा किया था वह आज तक पूरा नहीं हो पाया. भाजपा के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह झूठ बोलते हैं. प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को एक गांव गोद लेने को कहा था. जयंत सिन्हा ने जारबा गांव गोद लिया. जारबा गांव की स्थिति जाकर देखने लायक है. जहां सड़क के बीचो-बीच नाली का पानी बहता है. जलमीनार बनाया गया है, उससे पानी घरों तक नहीं पहुंच रहा है. विकास के नाम पर वहां एक बैंक खोल दिया गया है. उन्होंने स्मार्ट सिटी बनाने की बात की थी. साथ-साथ यह भी कहा था कि हवाई चप्पल वाले हवाई जहाज की यात्रा करेंगे. हजारीबाग में एक ईंट भी एयरपोर्ट के नाम पर नहीं जोड़ा गया.