नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बीते बुधवार को हुई झमाझम बारिश में गाजीपुर इलाके में खोड़ा कॉलोनी की तरफ एक नाले में 22 वर्षीय एक महिला और उसके 3 साल के मासूम बच्चे की डूबकर मौत हो गई थी. महिला पास के बाजार में सब्जी खरीदने गई थी तो रोड पर जमा पानी और खुले निर्माणाधीन नाले के लेवल को नहीं भांप पायी, जिसकी वजह से दोनों की मौत हो गई. दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस के प्रयासों से दोनों की बॉडी रिकवर कर ली गई. अब जिस जगह पर महिला-बच्चे दोनों गिरे थे उस स्पॉट पर किस एजेंसी का अधिकार है, इसको लेकर ब्लेमगेम शुरू हो गया है.
दरअसल, दावा किया गया था कि नाला दिल्ली विकास प्राधिकरण था जिसकी लापरवाही से मां-बेटे की डूब कर मौत हो गई. इन आरोपों के बीच अब दिल्ली विकास प्राधिकरण के प्रवक्ता बिजय पटेल की ओर से बयान जारी कर दावा किया गया है कि डीडीए के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नाले का 350 मीटर का हिस्सा पूरी तरह से ढका हुआ है. यह दु:खद हादसा दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधीनस्थ वाले हिस्से से जुड़ा है.
डीडीए अधिकारी ने दावा किया है कि खोड़ा कॉलोनी की तरफ नाले की कुल लंबाई 1350 मीटर है, जिसमें से 1000 मीटर नाले को आसपास की सड़क समेत काफी समय पहले नगर निगम (एमसीडी) को सौंप दिया गया था. ड्रेन का बाकी बचा 350 मीटर का हिस्सा जो ट्रक पार्किंग प्लॉट (बस टर्मिनल) से पीडब्ल्यूडी रोड तक फैला है, वह ही केवल डीडीए के अधिकार क्षेत्र में आता है.