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Rajasthan: इस दिन बंद रहेंगे खाटू श्यामजी के पट, भक्तों के लिए आई बड़ी खबर

खाटू श्याम जी का मंदिर दो दिन के लिए बंद रहेगा. मंदिर कमेटी ने इस दौरान भक्तों से ना आने का अनुरोध किया है.

2 दिन बंद रहेंगे खाटू श्याम जी के पट
2 दिन बंद रहेंगे खाटू श्याम जी के पट (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 5 hours ago

सीकर : अगर आप इन दिनों विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए जाने वाले हैं तो रुक जाइए, क्योंकि 2 दिन के लिए खाटू श्याम जी मंदिर बंद रहने वाला है. श्री श्याम मंदिर कमेटी ने पत्र जारी कर इसकी सूचना दी है. जारी सूचना के अनुसार दीपावली की साफ-सफाई के चलते खाटू श्याम जी मंदिर बंद रहेगा. इसके अलावा बाबा श्याम के मंदिर को अलग-अलग राज्यों से मंगाए गए फूलों से सजाया जाएगा.

इस दिन रहेगा मंदिर बंद :श्री श्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष पृथ्वी सिंह सिंह चौहान ने बताया कि दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में मंदिर में साफ-सफाई की जाएगी. इस कारण 24 अक्टूबर को रात 10 बजे से 25 अक्टूबर को शाम 6.15 बजे तक श्री श्याम मंदिर खाटूश्यामजी के कपाट आम दर्शन के लिए बंद रहेंगे. मंदिर कमेटी ने पत्र जारी कर सभी श्याम श्रद्धालुओं से मंदिर के कपाट खुलने के बाद श्याम के दर्शन के लिए आने का अनुरोध किया है.

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दीपावली पर बाबा की होगी विशेष पूजा :श्री श्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष पृथ्वी सिंह चौहान ने बताया कि इस बार बाबा श्याम के मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा और गर्भ गृह को भी विशेष थीम दी जाएगी. इसके अलावा धनतेरस, दीपावली और भैया दूज के दिन बाबा श्याम का भी विशेष फूलों से श्रृंगार किया जाएगा. मंदिर कमेटी अध्यक्ष ने बताया कि इस बार अनुमान के अनुसार दीपावली पर भक्तों की भारी भीड़ रहने वाली है. इसको लेकर मंदिर कमेटी द्वारा पहले से ही तैयारी की जा रही है. वहीं, दीपावली के दिन बाबा श्याम के विशेष पूजा को श्रृंगार किया जाएगा. इस दिन बाबा श्याम को रंग-बिरंगे फूलों से श्रृंगार किया जाएगा.

खाटू श्याम जी की मान्यता :पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक खाटू श्याम भीम के पोते और घटोत्कच के बेटे बर्बरीक हैं. उन्हीं की श्याम रूप में पूजा की जाती है. बर्बरीक में बचपन से ही वीर और महान योद्धा के गुण थे और इन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न कर उनसे तीन अभेद्य बाण प्राप्त किए थे. इसी कारण इन्हें तीन बाण धारी भी कहा जाता है. महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे. तब उनके पास ये तीन ऐसी तीर थे, जो पूरे युद्ध को पलट सकते थे. इसी को लेकर भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण के रूप में आए और उनसे शीश दान में मांग लिया. बर्बरीक ने भी बिना संकोच किए भगवान कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया. तब भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा कि "बर्बरीक तुम्हें कलयुग में श्याम के नाम से पूजा जाएगा, तुम्हें लोग मेरे नाम से पुकारेंगे और तुम अपने भक्तों के हारे का सहारा बनोगे."

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