खंडवा।खंडवा के फैमिली कोर्ट में भरण पोषण का अजीब मामला सामने आया है. कुटुंब न्यायालय को एक ही मामले में दो बार फैसला देना पड़ा. कोर्ट को अपने ही फैसले को पलटना पड़ा.जिस महिला को भरण पोषण दिलाया, उसी का हक वापस छीन भी लिया. मामला यह है कि महिला ने अपने पति के खिलाफ कुटुंब न्यायालय में भरण पोषण के केस लगाया था.कोर्ट ने सुनवाई करते हुए महिला के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पति को आदेश दिया कि वह 2500 रुपए हर माह भरण पोषण के लिए पत्नी को देगा.
महिला ने बगैर तलाक के दूसरा विवाह किया
सीहोर जिले के बड़ियाखेड़ी निवासी संदीप पिता किशोरी किरार (37) और सोनू पिता श्यामसिंह धाकड़ की शादी हुई थी. पत्नी सोनू ने संदीप के खिलाफ कोर्ट में भरण पोषण का केस लगा दिया. संदीप का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद से पत्नी सोनू 12 दिसंबर 2018 से प्रतिमाह 2500 रुपए गुजारा-भत्ता ले रही है. इस बीच विधिवत विवाह विच्छेद किए बिना सोनू ने फरवरी 2020 में नरेंद्र प्यारेलाल ग्राम रसीदपुरा (मोकलगांव) से दूसरा विवाह कर लिया. दोनों के वैवाहिक संबंधों से 26 नवंबर 2022 को एक बेटा का जन्म हुआ.
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