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खान सर का धमाकेदार इंटरव्यू, BPSC वाले सुनकर हिल जाएंगे - KHAN SIR

खान सर ने कहा बीपीएससी खुद अपनी स्वायत्तता पर प्रश्न खड़े कर रहा है. डरा हुआ है इसलिए जल्दीबाजी में मेंस की तिथि घोषित हुई.

KHAN SIR
खान सर (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 19, 2025, 5:30 PM IST

पटना :बीपीएससी अभ्यार्थियों का आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. वजह है कि जाने माने शिक्षक खान सर विगत 3 दिनों से अभ्यर्थियों के समर्थन में गर्दनीबाग धरना स्थल पर उतर रहे हैं. खान सर ने इस आंदोलन को शिक्षा सत्याग्रह 2.0 का नाम दिया है. इसी बीच खान सर ने गर्दनीबाग में गया और नवादा की ट्रेजरी से प्रश्न पत्र गायब होने का जो आरोप लगाया, उस पर आयोग की ओर से प्रतिक्रिया भी आ गयी है.

'इससे अधिक कुछ उम्मीद भी नहीं' : आयोग ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर पोस्ट किया है कि यह सभी खबरें भ्रामक हैं और अभ्यर्थी इसके फेरे में नहीं आएं. इस पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में खान सर ने कहा कि आयोग से इससे अधिक कुछ उम्मीद भी नहीं थी, क्योंकि कोई भी अपराधी अपराध करने के बाद अपना दोष नहीं कबूलता है.

'गया नवादा की ट्रेजरी से गायब है क्वेश्चन' :खान सर ने कहा कि कोर्ट में जितने लोगों पर आरोप लगता है, सभी यही कहते हैं कि सभी आरोप भ्रामक है. जिस पर आरोप लगाया जाता है, वही स्पष्टीकरण दे तो उस पर कितना भरोसा किया जाएगा.

''गया और नवादा में तीन सेट ट्रेजरी में क्वेश्चन रखा गया था. एक सेट से परीक्षा ली गयी लेकिन दो सेट भी वहां से गायब है. आरोप लगाना रहता तो बिहार के 38 जिले में किसी पर भी आरोप लगा सकते थे. लेकिन गया और नवादा ही क्यों कह रहे हैं, क्योंकि इसका साक्ष्य है और वहां क्वेश्चन नहीं है.''- खान सर, शिक्षाविद्

ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

'बच्चों के भविष्य से आयोग कर रहा खिलवाड़' :खान सर ने कहा कि बीपीएससी बताए कि जब उसने 19 दिसंबर को तय किया की बापू परीक्षा परिसर का रीएग्जाम लिया जाएगा. ऐसे में 10 दिन के अंदर कैसे वह क्वेश्चन तैयार कर देता है. वह भी तीन-तीन सेट का क्वेश्चन तैयार होता है. आनन-फानन में 10 दिनों के भीतर क्वेश्चन बनाकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है.

''आयोग अब सीसीटीवी फुटेज छिपा रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है कि सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखा जाए. मैं बच्चों की मांग को उठा रहा हूं, कोई पर्सनल मांग नहीं कर रहा हूं. मैं सरकार से ना बालू का ठेका मांग रहा हूं, ना सड़क का कोई टेंडर मांग रहा हूं. सिर्फ बच्चों की जो डिमांड है री-एग्जाम उसी की मांग कर रहा हूं. री एग्जाम होता है तो वापस से मैं बच्चों को पढ़ाने में लग जाऊंगा.''- खान सर, शिक्षाविद्

गर्दनीबाग में चूड़ियां दिखाकर प्रदर्शन में शामिल खान सर (Etv Bharat)

'दमखम दिखाने के लिए गर्दनीबाग नहीं जा रहे' :खान सर ने कहा कि आयोग शुरू से संदेह के घेरे में रहा है. दोनों दिन की परीक्षा में 5-5 क्वेश्चन ही गलत होते हैं. ऐसे में इसकी विस्तार से जांच होनी चाहिए. वह कोई राजनीति नहीं कर रहे बल्कि री एग्जाम की डिमांड कर रहे हैं और राजनीति और री एग्जाम की डिमांड में अंतर होता है.

खान सर नेकहा कि अगर दमखम दिखाना होता तो सबसे बड़ा उनका एजुकेशनल चैनल है, वहां दिखाएंगे. उन्हें लोकप्रियता की कोई जरूरत नहीं है. जो लोग कह रहे हैं कि वह दमखम दिखा रहे हैं तो यह बिल्कुल ही निराधार बात है. क्योंकि बीपीएससी की तैयारी करने वाले सबसे अधिक बच्चे उनके पास पढ़ते हैं, तो प्रदर्शन में भी उनके ही छात्र अधिक हैं और यह स्वाभाविक है.

आंदोलन से दूसरे शिक्षक दूर क्यों ? :खान सर ने कहा कि जो शिक्षक आंदोलन में नहीं आ रहे हैं वह उनकी मर्जी है और इसमें वह कुछ नहीं कर सकते हैं. उनके पास बीपीएससी के सबसे अधिक छात्र हैं, इसलिए वह बीपीएससी छात्रों की आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह शिक्षा सत्याग्रह 2.0 है. इसमें वह छात्रों के साथ खुद गर्दनीबाग में उतर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गर्दनीबाग में क्या दमखम दिखाना है जहां इतनी तेज धूप है और बगल में नाला महक रहा है.

ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

'आयोग डरा हुआ है' :खान सर ने कहा कि इससे पहले राहुल गांधी आए, पप्पू यादव आए, तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर छात्रों के बीच आए. लेकिन कुछ हुआ नहीं और आयोग की ओर से भी कोई नोटिस नहीं जारी किया गया. लेकिन वह गर्दनीबाग पहुंचना शुरू किये तो 3 दिन में तीन नोटिस जारी हो गया. मेंस का डेट भले ही आ गया हो लेकिन वह री एग्जाम लेकर रहेंगे.

''आयोग डरा हुआ है, इसके कारण जल्दीबाजी में मेंस का भी डेट जारी कर दिया है. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. आंदोलन जारी रहेगा जब तक कि री-एग्जाम की घोषणा नहीं होती है. सीएम हाउस और सरकार तक बातें पहुंच गई है, अब आगे देखना है कि सरकार क्या निर्णय लेती है? री-एग्जाम का निर्णय सरकार लेती है तो यह फैसला सरकार के हित में ही होगा, लेकिन हम नहीं समझ पा रहे हैं कि सरकार इसे ईगो बनाकर क्यों बैठी हुई है?''- खान सर, शिक्षाविद्

बीपीएससी अभ्यार्थियों का आंदोलन (Etv Bharat)

'आयोग अपनी स्वायत्तता पर खड़े कर रहा प्रश्न' :आयोग की ओर से यह कहे जाने कि परीक्षा में जिले के नोडल डीएम होते हैं और सभी डीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि परीक्षा शांतिपूर्ण और कदाचार मुक्त माहौल में हुई है, ऐसे में परीक्षा नहीं कैंसिल हो सकती है. इस पर खान सर ने कहा कि बहुत डीएम को यह नहीं पता था कि उनके यहां परीक्षा हो रही है. डीएम अगर रिपोर्ट मांगे होगें तो सेंटर सुपरिंटेंडेंट से मांगे होगे. आयोग अपना कोई रिपोर्ट नहीं बना रहा है यह हद है.

प्रदर्शन में शामिल छात्र छात्राएं (Etv Bharat)

''आयोग कह रहा है कि हमें नहीं पता एग्जाम में क्या हुआ. डीएम जो कह रहे हैं वही है. आयोग की अपना कोई रिपोर्ट नहीं है. अगर ऐसा है तो आयोग स्वतंत्र नहीं है क्योंकि डीएम सरकार के अधीन होते हैं. ऐसे में आयोग के लोग यदि ऐसी बात कह रहे हैं तो यह उनका लो लेवल का माइंडसेट बता रहा है. ऐसे लोग खुद अपनी स्वायत्तता पर प्रश्न खड़े कर रहे हैं.''- खान सर, शिक्षाविद्

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