पटना :बीपीएससी अभ्यार्थियों का आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. वजह है कि जाने माने शिक्षक खान सर विगत 3 दिनों से अभ्यर्थियों के समर्थन में गर्दनीबाग धरना स्थल पर उतर रहे हैं. खान सर ने इस आंदोलन को शिक्षा सत्याग्रह 2.0 का नाम दिया है. इसी बीच खान सर ने गर्दनीबाग में गया और नवादा की ट्रेजरी से प्रश्न पत्र गायब होने का जो आरोप लगाया, उस पर आयोग की ओर से प्रतिक्रिया भी आ गयी है.
'इससे अधिक कुछ उम्मीद भी नहीं' : आयोग ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर पोस्ट किया है कि यह सभी खबरें भ्रामक हैं और अभ्यर्थी इसके फेरे में नहीं आएं. इस पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में खान सर ने कहा कि आयोग से इससे अधिक कुछ उम्मीद भी नहीं थी, क्योंकि कोई भी अपराधी अपराध करने के बाद अपना दोष नहीं कबूलता है.
'गया नवादा की ट्रेजरी से गायब है क्वेश्चन' :खान सर ने कहा कि कोर्ट में जितने लोगों पर आरोप लगता है, सभी यही कहते हैं कि सभी आरोप भ्रामक है. जिस पर आरोप लगाया जाता है, वही स्पष्टीकरण दे तो उस पर कितना भरोसा किया जाएगा.
''गया और नवादा में तीन सेट ट्रेजरी में क्वेश्चन रखा गया था. एक सेट से परीक्षा ली गयी लेकिन दो सेट भी वहां से गायब है. आरोप लगाना रहता तो बिहार के 38 जिले में किसी पर भी आरोप लगा सकते थे. लेकिन गया और नवादा ही क्यों कह रहे हैं, क्योंकि इसका साक्ष्य है और वहां क्वेश्चन नहीं है.''- खान सर, शिक्षाविद्
'बच्चों के भविष्य से आयोग कर रहा खिलवाड़' :खान सर ने कहा कि बीपीएससी बताए कि जब उसने 19 दिसंबर को तय किया की बापू परीक्षा परिसर का रीएग्जाम लिया जाएगा. ऐसे में 10 दिन के अंदर कैसे वह क्वेश्चन तैयार कर देता है. वह भी तीन-तीन सेट का क्वेश्चन तैयार होता है. आनन-फानन में 10 दिनों के भीतर क्वेश्चन बनाकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है.
''आयोग अब सीसीटीवी फुटेज छिपा रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है कि सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखा जाए. मैं बच्चों की मांग को उठा रहा हूं, कोई पर्सनल मांग नहीं कर रहा हूं. मैं सरकार से ना बालू का ठेका मांग रहा हूं, ना सड़क का कोई टेंडर मांग रहा हूं. सिर्फ बच्चों की जो डिमांड है री-एग्जाम उसी की मांग कर रहा हूं. री एग्जाम होता है तो वापस से मैं बच्चों को पढ़ाने में लग जाऊंगा.''- खान सर, शिक्षाविद्
'दमखम दिखाने के लिए गर्दनीबाग नहीं जा रहे' :खान सर ने कहा कि आयोग शुरू से संदेह के घेरे में रहा है. दोनों दिन की परीक्षा में 5-5 क्वेश्चन ही गलत होते हैं. ऐसे में इसकी विस्तार से जांच होनी चाहिए. वह कोई राजनीति नहीं कर रहे बल्कि री एग्जाम की डिमांड कर रहे हैं और राजनीति और री एग्जाम की डिमांड में अंतर होता है.
खान सर नेकहा कि अगर दमखम दिखाना होता तो सबसे बड़ा उनका एजुकेशनल चैनल है, वहां दिखाएंगे. उन्हें लोकप्रियता की कोई जरूरत नहीं है. जो लोग कह रहे हैं कि वह दमखम दिखा रहे हैं तो यह बिल्कुल ही निराधार बात है. क्योंकि बीपीएससी की तैयारी करने वाले सबसे अधिक बच्चे उनके पास पढ़ते हैं, तो प्रदर्शन में भी उनके ही छात्र अधिक हैं और यह स्वाभाविक है.
आंदोलन से दूसरे शिक्षक दूर क्यों ? :खान सर ने कहा कि जो शिक्षक आंदोलन में नहीं आ रहे हैं वह उनकी मर्जी है और इसमें वह कुछ नहीं कर सकते हैं. उनके पास बीपीएससी के सबसे अधिक छात्र हैं, इसलिए वह बीपीएससी छात्रों की आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह शिक्षा सत्याग्रह 2.0 है. इसमें वह छात्रों के साथ खुद गर्दनीबाग में उतर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गर्दनीबाग में क्या दमखम दिखाना है जहां इतनी तेज धूप है और बगल में नाला महक रहा है.