खजुराहो (छतरपुर)।खजुराहो डांस फेस्टिवल के तहत यहां स्थित मंदिरों के आंगन में ऐसा सांस्कृतिक ताना-बाना बुना जा रहा है, जिसकी स्मृतियां लंबे समय तक कलारसिकों के मानस में जीवित रहेंगी. फेस्टिवल के दूसरे दिन शाम को मुख्य मंच पर नृत्य की बहार के बीच दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए. इस दौरान वरिष्ठ चित्रकार शंकर शिंदे के कल्पनाओं के रंग भी बिखरे. दूसरे दिन नृत्य समागम के तहत चार प्रस्तुतियां दी गईं. सर्वप्रथम पंडित बिरजू महाराज के शिष्य शेंकी सिंह दिल्ली द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति दी गई. उन्होंने प्रस्तुति का आरंभ गणेश वंदना से किया.
सायली काणे ने दी भरतनाट्यम की सामूहिक प्रस्तुति
कलावर्धिनी डांस कंपनी पुणे की सायली काणे ने भरतनाट्यम की सामूहिक प्रस्तुति दी. पहले उन्होंने हरिहर प्रस्तुति दी, जिसमें विष्णु भगवान के अवतार भगवान श्री राम को पुष्पांजलि अर्पित की. जिसे अरुंधति पटवर्धन ने कोरियोग्राफ किया. इसके बाद अर्धनारीश्वर प्रस्तुति में दर्शाया कि शिव व शक्ति मिलकर इस ब्रह्मांड का निर्माण, विनाश और पुनर्निर्माण करते हैं. वे शिव और शक्ति, पुरुष और प्रकृति स्वरूप हैं. इस प्रस्तुति को भी अरुंधति पटवर्धन ने कोरियोग्राफ किया. इसके बाद राम नवरस श्लोक की प्रस्तुति दी गई. जिसमें भगवान श्री राम के जीवन को विभिन्न दृश्यों के माध्यम से नौ रस और नौ भावनाओं में व्यक्त किया गया.
लठ मार होली और फूलों की होली का आनंद
खजुराहो नृत्य समारोह परिसर में राष्ट्रीय समारोह लोकरंजन का आयोजन किया गया. छत्तीसगढ़ का गेड़ी नृत्य, पंथी नृत्य एवं उत्तरप्रदेश के कलाकारों द्वारा होली, मयूर और चरखुला नृत्य की प्रस्तुति दी गई. शुरुआत वंदना श्री एवं साथी द्वारा लठ मार होली, फूलों की होली, मयूर और चरखुला नृत्य से की गई. कलाकारों ने 100 किलो फूलों से होली खेले रघुवीरा.., ब्रज में खेले होरी रसिया... जैसे गीतों पर प्रस्तुति दी. इसके बाद दिनेश जांगड़े एवं साथी, छत्तीसगढ़ पंथी नृत्य की प्रस्तुति दी गई.