वाराणसी:उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को मिल रही सुविधाओं को लेकर जारी होने वाले हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में एक बार फिर वाराणसी पहले पायदान पर आ गया है. हाल ही जारी हुई डैशबोर्ड में वाराणसी ने 78 फीसदी अंक हासिल किए हैं. इसी के साथ ही बनारस अब तक 10 बार यूपी हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में पहला स्थान हासिल कर चुका है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि, जुलाई महीने की जारी हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में प्रदेश के सभी शहरों की रैंकिंग आई है, जिसमें वाराणसी एक बार फिर से पहले स्थान पर है. इस वित्तीय वर्ष में वाराणसी की अभी तक की उपलब्धि 67 प्रतिशत है. जबकि जुलाई महीने की उपलब्धि 78 फीसदी है. वहीं प्रदेश की इस साल की अब तक की उपलब्धि 54 फीसदी है, जबकि इस महीने की 63 फीसदी है. इस तरह से देखा जाए तो वाराणसी की स्थिति प्रदेश की उपलब्धि से काफी बेहतर है. पिछले वित्तीय वर्ष में शहर ने नौ बार प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया था.
संदीप चौधरी ने बताया कि, मासिक डैशबोर्ड के मुताबिक वाराणसी ने सिजेरियन प्रसव में बेहतर प्रदर्शन करते हुए करीब 70 फीसदी अंक हासिल किए हैं. परिवार नियोजन के स्थायी साधनों के इस्तेमाल में भी पहला स्थान प्राप्त किया है. सीएमओ ने कहा कि, जिसे के सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राइमरी स्वास्थ्य केन्द्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) और स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर जच्चा बच्चा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रम की गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. इसके लिए सभी चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी और आशा कार्यकर्ताओं को आवश्यक दिशा – निर्देश दिए जा रहे हैं. मेडिकल यूनिट्स का लगातार निरीक्षण और मूल्यांकन किया जा रहा है.
सीएमओ ने बताया कि, अगस्त महीने की हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में ब्लॉक स्तर पर अराजीलाइन सीएचसी को पहला, काशी विद्यापीठ को दूसरा और पिंडरा को तीसरा स्थान मिला है. बड़ागांव पीएचसी को चौथा, हरहुआ पीएचसी को पांचवां, चोलापुर सीएचसी को छठवां, सेवापुरी पीएचसी को सातवां, चिरईगांव पीएचसी को आठवां और शहरी इकाई को नौवां स्थान मिला है. जिन ब्लॉकों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया है. उन्हें कार्य के प्रति गंभीरता दिखाने के लिए निर्देशित किया गया है.
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