जयपुर:कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के अंतर्गत सांगानेर में वर्षा जल संचयन कार्यों का शुभारंभ किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल थे. भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान बारिश की वजह से हुई अव्यवस्था पर सीएम भजनलाल ने अधिकारियों और कर्मचारियों को फटकार लगाई. इस मौके पर पाटिल ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान सबसे अधिक पानी वाला राज्य होगा. आमजन भी जल की एक-एक बूंद के महत्व को समझते हुए जल संचय में जुड़ें, इस उद्देश्य से शुरू किया गया कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान अब एक जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है.
धरती की प्यास बुझाने के लिए रिचार्ज स्ट्रक्चर बनवाएं: पाटिल ने कहा कि राज्य में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने राज्य को संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) के रूप में बड़ा तोहफा दिया है. 70 हजार करोड़ रुपए लागत की इस परियोजना में राज्य सरकारों पर मात्र 10 प्रतिशत ही वित्तीय भार आएगा और 90 प्रतिशत अंशदान केन्द्र सरकार देगी. उन्होंने कहा कि यमुना जल समझौते से शेखावाटी क्षेत्र की जल समस्या का भी स्थायी समाधान हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि धरती की प्यास बुझाने के लिए वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनवाने की जरूरत है ताकि हर गांव का पानी गांव में, हर खेत का पानी खेत में और हर घर का वर्षा जल घर में ही जमीन में उतर सके. इस अभियान में राजस्थान में 45 हजार रैन वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर वर्ष 2027-28 तक बनाए जाने हैं, जो वर्षा का पानी संग्रहित कर भूमिगत पानी के स्तर को बढ़ाएंगे. देशभर में 10 लाख रैन वाटर रिचार्ज बोर के लक्ष्य के साथ चलाया जा रहा यह अभियान जन भागीदारी से जन आंदोलन में परिवर्तित होता जा रहा है.