नई दिल्लीः दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2012 के हत्या के एक मामले के तीन आरोपियों को बरी कर दिया. एडिशनल सेशंस जज पुलस्त्य प्रमाचल ने कहा कि एक आरोपी के कबूलनामे को तब तक आधार नहीं बनाया जा सकता है जब तक इसके तथ्यों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो जाए. कोर्ट ने जिन तीन आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया, उनमें अशरफ, शाहनवाज ऊर्फ हेबर्ट और नदीम अहमद ऊर्फ शेर खान शामिल है.
तीनों पर राजू नाम के एक व्यक्ति की हत्या का आरोप था. कोर्ट 6 नवंबर 2012 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई एक हत्या के मामले की सुनवाई कर रहा था. इस मामले में ज्योति नगर पुलिस थाने ने हत्या और अपहरण की चार्जशीट दाखिल की थी. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ एक ही साक्ष्य है कि एक शर्ट पर मृतक के खून के दाग थे. ये शर्ट आरोपी अशरफ की निशानदेही पर बरामद किए गया था.