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कानपुर कृषि विश्वविद्यालय ने तैयार की पीली व बैंगनी फूलगोभी, जानिए क्या है खासियत - सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सीएसए कानपुर

कानपुर चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Kanpur Agricultural University Cauliflower) के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में फूलगोभी की नई प्रजाति कैरोटीना (पीली) और वैलेंटीना (बैंगनी) उगाने पर हुआ शोध सफल रहा है. इसके बाद अब लोगों को सफेद के साथ पीली और बैंगनी फूलगोभी का स्वाद भी मिलेगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 11:42 AM IST

कानपुर कृषि विश्वविद्यालय ने तैयार की पीली व बैंगनी फूलगोभी. देखें खबर

कानपुर : बाजार में तरह-तरह की सब्जियां मिलती हैं. इनमें फूलगोभी लोगों को बहुत भाती है. अपने आकर्षक बनावट और पोषकतत्वों के कारण सभी वर्ग के लोग इसे अपनी थाली में शामिल करते हैं. अव्वल तो फूलगोभी सफेद ही मिलती है, लेकिन अब पीली और बैंगनी फूलगोभी भी बाजार में जल्द ही देखने को मिलेगी. सफेद फूलगोभी की तरह पीली और बैंगनी फूलगोभी भी विटामिन और पोषकतत्वों से भरपूर होगी. यह कारनामा कर दिखाया है कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने पढ़िए विशेष रिपोर्ट.

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रभारी डाॅ. रामबटुक सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि फूलगोभी के 600 पौधे बेंगलुरु से यहां लाए गए थे. इसके बाद इनके सर्वाइवल को लेकर शोध शुरू हुआ. लगभग 70 दिनों के अंदर ही हमें सफल परिणाम मिल गए हैं. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अच्छी मात्रा में पीली गोभी जिसे हम कैरोटीना बोलते हैं और बैंगनी फूलगोभी जिसे हम वैलेंटीना कहते हैं वह तैयार हो गई है. इसकी सिडलिंग भी हमने करा दी थी. कई लोगों ने जब इस फूलगोभी का स्वाद चखा तो इसे सफेद फूलगोभी के मुकाबले बेहतर बताया.

कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में तैयार फूलगोभी की नई प्रजाति.

कैरोटीना व वैलेंटीना में मिनरल्स व विटामिंस से भरपूर : प्रभारी डॉ. रामबटुक सिंह के अनुसार कैरोटीना व वैलेंटीना में विटामिंस व मिनरल्स काफी मात्रा में मौजूद हैं. कैरोटीना में कैरोटीन (विटामिन ए) भरपूर मात्रा में है और वैलेंटीना पूरी तरह से एंटी ऑक्सीडेंट में मददगार है. इन अवयवों के अलावा इन फूलगोभियों में कई ऐसे मिनरल्स हैं जो लोगों की सेहत को देखते हुए बहुत अधिक फायदेमंद हैं. सफेद फूलगोभी से अधिक पोषकतत्व इन दोनों प्रजातियों की फूलगोभियों में मिलेंगे.

बैंगनी फूलगोभी में भी भरपूर पोषकतत्व हैं.

साधारण खेतों में उगा सकते फसल :डाॅ. रामबटुक सिंह के मुताबिक पीली व बैंगनी गोभी को किसान साधारण खेतों में तैयार कर सकते हैं. एक हेक्टेयर में अच्छी मात्रा में फूलगोभी मिल जाती है. 60 से 75 सेंटीमीटर के गैप में फूलगोभी को लगाया जा सकता है. 20 से 25 दिनों में इसका बीज तैयार हो जाता है. बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड में इन प्रजातियों की फूलगोभी की खूब खेती होती है. हालांकि अब आगामी दिनों में शहर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से किसान इनका बीज ले सकेंगे. सीएसए के इस केंद्र में जो फूलगोभी तैयार हुईं, उनका वजन एक से डेढ़ किलोग्राम तक रहा.

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