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100 करोड़ के आभूषणों में गोपालजी को देखकर मंत्रमुग्ध हुए सिंधिया, UPS के विरोध पर दिया करारा जवाब - Scindia Worship Gopal Ji Temple

जन्माष्टमी के दिन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दिल्ली से ग्वालियर पहुंचे. यहां उन्होंने सिंधिया राजवंश द्वारा स्थापित गोपाल जी मंदिर में 100 करोड़ रुपए के आभूषण से हुए गोपाल जी के श्रंगार को देखा. इस दौरान उन्होंने जहां भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना की तो वहीं, ग्वालियर के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई UPS पर भी उन्होंने बात की

UNION MINISTER JYOTIRADITYA SCINDIA
100 करोड़ के आभूषणों में गोपालजी को देखकर मंत्रमुग्ध हुए सिंधिया (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 26, 2024, 10:34 PM IST

ग्वालियर: जन्माष्टमी का दिन है, धूमधाम से यह पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है. इस मौके पर सिंधिया राज घराने के द्वारा स्थापित गोपालजी मंदिर पर भी भक्तों की भीड़ टूट रही है. इन्हीं भक्तों के बीच दिल्ली से सीधे ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी गोपाल जी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की. वे यहां जन्माष्टमी के दिन गोपालजी और राधा रानी को बेशकीमती सौ करोड़ के आभूषणों के श्रंगार व दर्शन करने पहुंचे थे. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूजा-अर्चना कर ग्वालियर वासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी.

गोपालजी को देखकर मंत्रमुग्ध हुए सिंधिया (ETV Bharat)

सिंधिया राजवंश नहीं कराया था मंदिर का निर्माण

मीडिया से चर्चा करते हुए मंत्री सिंधियाने कहा कि 'आज कोटेश्वर मंदिर से शुरूआत हुई और फिर गोपाल मंदिर में दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. दोनों ही मंदिर सिंधिया परिवार द्वारा स्थापित कराए गए थे. भगवान श्रीकृष्ण की इतनी सुंदर मूर्ति के लिए ये सारे आभूषण भी माधौ महाराज द्वारा दिए गए थे.'

ऐतिहासिक है श्री कृष्ण के आभूषण

इतिहास की बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'यह फूल बाग माधव महाराज द्वारा बनवाया गया था. उसी समय यहां मंदिर का निर्माण कराया गया था. तब भगवान श्रीकृष्ण के लिए यह आभूषण उन्होंने स्वयं बनवाए थे. उसी समय में यह मंदिर और आभूषण भगवान श्रीकृष्ण के लिए समर्पित किए गए थे. उन्होंने इस बात की भी खुशी जतायी कि आज प्रशासन उस लीला को दोबारा प्रेषित कर रहा है.

28 को देखेगी ग्वालियर में बहुत ऊर्जा

इधर ग्वालियर में 28 अगस्त को आयोजित होने जा रहे रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को लेकर भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि, '28 अगस्त को ग्वालियर में बहुत ऊर्जा होगी. ग्वालियर का मार्ग प्रशस्त होगा. जो क्षमता हमारे संभाग की है, एलिवेटेड रोड ISBT रेलवे स्टेशन, हवाईअड्डा, हवाई जहाज, ग्वालियर आगरा एक्सप्रेसवे... अब हमारा संभाग अग्रसर होने के लिए तत्पर और तैयार है, सभी का स्वागत हैय अब आकर हमें ग्वालियर चंबल संभाग बनाना है. ग्वालियर चंबल संभाग बनेगा तो मध्य प्रदेश बनेगा देश बनेगा.

'विरोध करना कांग्रेस के DNA में'

वहीं उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो हर जन कल्याण कदम का विरोध करेगी, क्योंकि कांग्रेस ही जन्म विरोधी है. उनका DNA ही यह बन चुका है चाहे, यूनीफाइड पेंशन स्कीम का विरोध कर रही है, सामान्य मानवीय के ऊपर अत्याचार करते हैं, जब बुलडोजर चलता है तो उसका विरोध करती है, तो क्या कांग्रेस सारे अत्याचारियों के पक्ष में है. सारे भ्रष्टाचारियों की वकालत करते हैं. यही चरित्र अब कांग्रेस का जनता के सामने आ चुका है. अत्याचारियों की भ्रष्टाचारियों की महिलाओं के साथ अत्याचार करने वालों की वकालत कांग्रेस करती है.

UPS के विरोध पर सिंधिया का दो टुक जवाब

वहीं ग्वालियर एयरपोर्ट पर पहुंचे सिंधिया से जब कांग्रेस द्वारा UPS का विरोध करने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम ही विरोध करना, देश को खड्डे में ले जाकर छोड़ना है. जिस UPS को खुद प्रधानमंत्री ने लंबे समय तक विचार विमर्श कर सभी सरकारी कर्मचारी संगठनों के साथ चर्चाकार रास्ता निकाल कर जो हमारे कर्मचारियों के हित में हो नीति बनायी. यूनीफाइड पेंशन स्कीम न्यू पेंशन स्कीम नहीं है, ओल्ड पेंशन स्कीम नहीं है, यह सबसे बेहतरीन पेंशन स्कीम है. हमारे सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए. उन्होंने कहा कि पहले पेंशन में 10% अनुदान केंद्र सरकार की ओर से होता था. देश के प्रधानमंत्री मोदी उसे 14 प्रतिशत तक लाए.

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बोलना बंद काम करना शुरू करे विपक्ष

सिंधिया ने कहा 'यह प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक कदम है, जो उन्होंने केंद्र सरकार के कॉन्ट्रिब्यूशन को 14% से बढ़ाकर 18.5% कर दिया है. उन्होंने विपक्ष पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि 'आखिर विपक्ष की कथनी और करनी में अंतर क्यों है. उन्होंने कहा कि मेरा प्रश्न है उन 10% राज्यों से बोलना बंद कीजिए और सरकारी कर्मचारियों के हित में कार्य करना शुरू कीजिए. विपक्ष के जो बड़े नेता कितने दिनों से ओपीएस चिल्ला रहे थे. अपने मैनिफेस्टो में चुनाव के दौरान हिमाचल कर्नाटक में इसे लागू करने का वादा किया था. अब क्या हो गया डेढ़ साल बाद भी इसे लागू क्यों नहीं किया गया.

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