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मेरठ की निजी यूनिवर्सिटी में नौकरी करता था जोगेंद्र, फर्जी डिग्री बेचने पर पहले भी गया जेल...9 साल में 1300 फर्जी डिग्री बांटी - Fake degrees Case - FAKE DEGREES CASE

फर्जी डिग्री और खेल प्रमाण पत्र का गिरोह चलाने वाला ओपीजेएस यूनिवर्सिटी का संस्थापक जोगेंद्र सिंह फर्जी डिग्री बेचने के आरोप में दिल्ली, मेरठ और भिवानी में भी गिरफ्तार हो चुका है. वह पहले मेरठ की एक निजी यूनिवर्सिटी में काम करता था. उसने 2013 में चूरू के राजगढ़ में ओपीजेएस यूनिवर्सिटी शुरू की थी.

Fake degrees Case
मास्टरमाइंड जोगेंद्र सिंह (सफेद टीशर्ट) और जितेंद्र यादव (ब्लैक टीशर्ट) (Photo : Etv Bharat)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 7, 2024, 1:48 PM IST

जयपुर.फर्जी डिग्री और खेल प्रमाण पत्र से नौकरी हासिल करने के मामले का खुलासा करने के बाद अब एसओजी इस मामले की कड़ियां जोड़ने में लगी है. जांच में सामने आया है कि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी का संस्थापक जोगेंद्र सिंह पहले मेरठ की एक निजी यूनिवर्सिटी में काम करता था. वहां भी फर्जी डिग्री बेचने के घोटाले में वह गिरफ्तार हो चुका है. इसके बाद उसने 2013 में चूरू जिले के राजगढ़ में ओपीजेएस यूनिवर्सिटी शुरू की. जहां से 9 साल में 1300 से ज्यादा फर्जी डिग्रियां बेचकर करीब 26 करोड़ रुपए बटोरे. अब एसओजी उसे 12 जुलाई तक रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. ओपीजेएस के साथ ही अलवर की सनराइज और पाटन की एमके यूनिवर्सिटी द्वारा जारी डिग्रियों को लेकर भी एसओजी जांच में जुटी है. जोगेंद्र सिंह के साथ ही जितेंद्र यादव और सरिता कड़वासरा को भी 12 जुलाई तक रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है.

दलालों की गिरफ्तारी के बाद थाईलैंड भागा : एसओजी ने 10 अप्रैल को पीटीआई भर्ती में फर्जी डिग्रियां बांटने के मामले का खुलासा किया था. तब एक पीटीआई और उसके पिता सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद जोगेंद्र सिंह थाईलैंड भाग गया था. वह मूलतः हरियाणा के रोहतक का रहने वाला है. एसओजी को उसके रोहतक आने की जानकारी मिली तो उसे 5 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया. एसओजी की जांच में यह भी सामने आया है कि वह ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से 9 साल में 1300 से ज्यादा फर्जी डिग्रियां बांट चुका है. वह बारां में एक नई यूनिवर्सिटी खोलने की फिराक में था.

इसे भी पढ़ें :राजस्थान सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में बेची फर्जी डिग्रियां, दो निजी यूनिवर्सिटी के मालिक गिरफ्तार, महिला हिरासत में - 2 arrested for giving Fake degrees

मोटा कमीशन देकर खड़ा किया दलालों का नेटवर्क : इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब पीटीआई भर्ती में फर्जी डिग्री की जानकारी मिलने पर एसओजी के डीआईजी परिस देशमुख ने डिकॉय ऑपरेशन को अंजाम देकर राजगढ़ निवासी सुभाष पूनिया, उसके पीटीआई बेटे परमजीत पूनिया, प्रदीप कुमार शर्मा और प्रिंटिंग प्रेस संचालक राकेश शर्मा को गिरफ्तार किया था. जांच में सामने आया है कि एक फर्जी डिग्री के बदले 50 हजार रुपए तक कमीशन देकर जोगेंद्र ने दलालों का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया था.

बिहार सहित अन्य प्रदेशों में भी बांटी डिग्रियां : डीआईजी परिस देशमुख ने बताया कि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संचालक जोगेंद्र ने एक संगठित गिरोह बनाकर ओपीजेएस यूनिवर्सिटी और अन्य निजी यूनिवर्सिटी के जरिए फर्जी डिग्री और खेल प्रमाण पत्र बांटे हैं. राजस्थान में पीटीआई भर्ती-2022 में सबसे ज्यादा फर्जी डिग्रियां बांटे जाने का खुलासा हुआ है. इसके अलावा बिहार और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी दलालों के नेटवर्क के जरिए जोगेंद्र सिंह ने बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियां बांटी हैं. अब ये सभी अभ्यर्थी एसओजी के रडार पर हैं.

ओपीजेएस से डिग्री लेने वालों के नाम सार्वजनिक होंगे : एसओजी की जांच में सामने आया है कि पीटीआई भर्ती-2022 में 80 से ज्यादा ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिनके पास ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की डिग्री है. इसके अलावा अन्य विभागों में भी फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल की गई. अब ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से डिग्री लेकर नौकरी हासिल करने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे. इनके नाम सभी विभागों को भेजे जाएंगे. जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने पर ऐसे अभ्यर्थियों की नौकरी जाएगी और उन्हें एसओजी की कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा.

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