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Delhi: 'पश्चिम एशिया पर कोई सेमिनार रद्द नहीं हुआ...', JNU ने 'बाहरी दबाव' से किया इनकार

JNU में ईरान, फिलिस्तीन और लेबनान के प्रतिनिधियों का सेमिनार रद्द नहीं, स्थगित हुआ. JNU ने कहा- अगले महीने पुनर्निर्धारित तिथि पर होगा सेमिनार.

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 5 hours ago

Updated : 5 hours ago

नई दिल्ली:जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उसने पश्चिम एशियाई संघर्ष पर कोई सेमिनार रद्द नहीं किया है. विश्वविद्यालय को एक विशेष सेमिनार को स्थगित करना पड़ा, जिसमें ईरानी राजदूत इराज इलाही का व्याख्यान होना था. राजदूत का व्याख्यान "पश्चिम एशिया में हाल के घटनाक्रमों को ईरान कैसे देखता है" विषय पर होने वाला था.

जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के डीन अमिताभ मट्टू ने बताया कि विश्वविद्यालय ने एक संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए उचित सावधानी बरती है. कार्यक्रम को स्थगित करना एक संचार गड़बड़ी का परिणाम था. एक संकाय सदस्य ने पश्चिम एशियाई अध्ययन केंद्र से परामर्श किए बिना राजदूतों को निमंत्रण भेजा, जिसके कारण लॉजिस्टिक्स संबंधित चुनौतियां उत्पन्न हुईं.

मट्टू ने कहा, "हम अपने शैक्षणिक मंचों की अखंडता को बनाए रखना चाहते हैं." उन्होंने इस घटना को एक सामान्य गलतफहमी का नतीजा बताया. उन्होंने आश्वासन दिया कि जेएनयू ने राजदूत को अगले महीने पुनर्निर्धारित तिथि पर आमंत्रित करने की योजना बनाई है.

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इसके अतिरिक्त मट्टू ने बताया कि 7 और 14 नवंबर को फिलिस्तीनी एवं लेबनानी राजदूतों को संबोधित करने वाले दो अन्य कार्यक्रमों के लिए भी निमंत्रण आधिकारिक चैनलों से नहीं भेजे गए थे. इसके आधार पर उन्होंने कहा कि रद्द करने की कोई स्थिति नहीं थी. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राजदूत के दर्जे वाले एक उच्च पदस्थ गणमान्य व्यक्ति के लिए उचित आतिथ्य सुनिश्चित करना और उसके पद की गरिमा को बनाए रखना आवश्यक है.

पश्चिम एशिया के संघर्ष पर चर्चाओं के संभावित प्रतिबंधों के संदर्भ में मट्टू ने कहा, "वैश्विक स्तर पर एक तनावपूर्ण माहौल है. और पश्चिम एशियाई मुद्दों पर गहन चर्चाएं हो रही हैं. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि हम चर्चाओं को प्रतिबंधित कर देंगे. हमारा लक्ष्य विविध विचारों का संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है."

(PTI)

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