रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने रांची स्थित जेएमएम कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के इलेक्शन मैनेजमेंट के चलते हेमंत सोरेन के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डाली गई थीं, ताकि वह लोकसभा चुनाव में आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, महिलाओं, युवाओं की आवाज नहीं उठा सकें, लेकिन झारखंड की जनता ने भाजपा को सबक सिखाने का काम किया है. यही वजह है कि राज्य की सभी पांच की पांच एसटी रिजर्व सीट पर भाजपा की करारी हार हुई.
जमानत मिलने से साफ हुआ कि हेमंत सोरेन बेदागः सुप्रियो
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आज उनके नेता को जमानत मिली है और यह साबित हो गया है कि उनके नेता ने विधानसभा के अंदर जो बातें कही थी वह 100 फीसदी सही थी. उनके नेता ने कहा था कि जिस झूठे जमीन मामले में उन्हें जेल में बंद रखा गया है, अगर उस मामले में एक सुई के बराबर भी उनकी सहभागिता साबित हो गई तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे और राज्य छोड़ कर बाहर चले जाएंगे. उन्होंने कहा कि आज हेमंत सोरेन को जमानत मिलने से साफ हो गया है कि उनके नेता बेदाग थे.
हेमंत भाजपा की साजिश का शिकार नहीं होते तो केंद्री में होती इंडिया की सरकार
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी के केंद्रीय कैंप कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि अगर उनके नेता हेमंत सोरेन को ईडी भाजपा के इशारे पर कैद नहीं करती, तब आज देश की राजनीतिक दशा और दिशा अलग होती. उनके बाहर रहने और देश भर में चुनावी सभाओं से आदिवासी, अल्पसंख्यक, पिछड़े, दलितों, युवाओं और महिलाओं की गोलबंदी से देश में कम से कम 40 और लोकसभा सीट इंडिया के खाते में होती और प्रधानमंत्री राहुल गांधी होते.
साढ़े आठ एकड़ जमीन नहीं, पूरा झारखंड हेमंत सोरेन का