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देवघर एसपी को हटाने के भारत निर्वाचन आयोग के फैसले पर झामुमो ने उठाए सवाल, सरकारी एजेंसियों पर केंद्र के इशारे पर काम करने का आरोप - JMM Raise Questions On ECI Decision

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 3, 2024, 9:43 PM IST

JMM allegations against ECI. झामुमो ने एक बार फिर केंद्रीय एजेंसियों पर केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है. भारत निर्वाचन आयोग के ताजा आदेश जिसमें देवघर एसपी को हटाने की बात कही गई है इस पर झामुमो ने सवाल उठाए हैं.

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JMM Raise Questions On ECI Decision

बयान देते झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य.

रांची: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देवघर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को बदलने के दिए गए निर्देश पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सवाल खड़े किए हैं. बुधवार को झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि पूरे मामले को देखने से पता चलता है कि देवघर में एक फर्जीवाड़े के मामले में जसीडीह थाना में निशिकांत दुबे और उनके परिजनों पर दर्ज एफआईआर की वजह से वहां के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को हटाने का निर्देश जारी किया गया है. ऐसे में अब यह सवाल उठना स्वभाविक है कि क्या एसपी को हटा देने से पुलिस अनुसंधान को बंद किया जा सकता है ?

निशिकांत पर एफआईआर दर्ज करने की वजह से एसपी को बदला जा रहाः सुप्रियो

झामुमो नेता ने कहा कि एसपी पूरे जिले में लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करता है.चुनाव आयोग की क्षमता पांच जून को चुनाव नतीजों की अधिसूचना जारी होते ही समाप्त हो जाएगी. ऐसे में उस समय भी एफआईआर रहेगी और मामले का अनुसंधान भी होगा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सोचकर निशिकांत दुबे पर एफआईआर दर्ज करने की वजह से एसपी को बदला जा रहा है.

ईसीआई के आदेश पर झामुमो ने उठाए सवाल

सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि एक घोषित उम्मीदवार को लेकर इस तरह का आदेश देकर कौन सी दिशा चुनाव आयोग तय कर रहा है. यह बर्ताव किस दिशा की ओर जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले निशिकांत दुबे ईडी और सीबीआई के प्रवक्ता थे. अब ऐसा लगता है कि वह ईसीआई यानी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के भी प्रवक्ता बन गए हैं.

चुनाव से पहले ईसीआई ने झारखंड के राजनीतिक दलों के साथ बैठक क्यों नहीं की

झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टचार्या ने कहा कि हम पहले भी कह चुके हैं कि जब भारत निर्वाचन आयोग ने आम चुनाव घोषणा से पहले सभी राज्यों में जाकर वहां के राजनीतिक दलों के साथ बैठक की तो झारखंड में ऐसा क्यों नहीं किया. हमारी भी कुछ शिकायतें थी, जिसे हम आयोग के सामने रखते लेकिन हमें मौका ही नहीं मिला. बिहार में चुनाव आयोग और पॉलिटिकल पार्टी की बैठक हो सकती है, लेकिन झारखंड में नहीं, क्यों?

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से केंद्रीय एजेंसियों का चरित्र उजागर

झामुमो नेता ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां लगातार केंद्र के इशारे पर काम कर रही हैं. ऐसे में मंगलवार को जो बातें सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है उसमें बड़ा संदेश छुपा है. झामुमो नेता ने कहा कि चुनाव आयोग की साख पर अंगुली उठ रही है.

ईवीएम भी सवालों के घेरे में

सुप्रियो भट्टाचार्या ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आज ईवीएम से चुनाव की पूरी प्रणाली भी सवालों के घेरे में है. उन्होंने कहा कि वीवीपैट की स्लिप जहां दिखती थी, वहां पहले सफेद स्क्रीन होता था. अब उसे काला कर दिया गया है. सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि पुलिस अपना काम करेगी और सरकार अपना काम करेगी. आयोग अनावश्यक हस्तक्षेप न करें. चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों के लिए एक समान मैदान उपलब्ध कराएं.

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