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झामुमो को आदिवासी, मूलवासी, पिछड़ों की है चिंता, 46वें झारखंड दिवस समारोह में सरकार के सामने 50 सूत्री मांग रखने का फैसला - JMM DEMANDS FROM GOVERNMENT

दुमका में जेएमएम ने अपना 46वां स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर पार्टी की तरफ से 50 सूत्री मांग सरकार के सामने रखी गई.

JMM DEMANDS FROM GOVERNMENT
जेएमएम स्थापना दिवस की तस्वीर (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 3, 2025, 4:25 PM IST

रांची/दुमकाः झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 2 फरवरी को दुमका के गांधी मैदान में 46वें झारखंड दिवस समारोह के जरिए हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के सामने 50 सूत्री मांग रखी है. इनमें आदिवासी, मूलवासी, पिछड़ों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों के हित का ख्याल रखने पर जोर दिया गया है. इसमें ग्रामसभा को सशक्त बनाने, साहिबगंज से खासमहल व्यवस्था को खत्म करने और तृतीय/चतुर्थ वर्गीय पद को स्थानीय निवास करने वाले रैयत के वंशजों के लिए आरक्षित करने का जिक्र है.

50 सूत्री मांगों के कुछ खास बिंदू

  • दुमका में बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक के तहत हाईकोर्ट के खंडपीठ की स्थापना की जाए
  • दुमका में मिनी सचिवालय का हो निर्माण
  • राज्य में स्पष्ट विस्थापन और पुनर्वास नीति बने
  • एनआरसी, यूसीसी और सीएए को झारखंड में खारिज किया जाए
  • अल्पसंख्यक वित्त निगम का गठन हो
  • झारखंड में पूर्ण नशाबंदी लागू हो
  • जंगलों की सुरक्षा और संवर्द्धन में ग्रामीणों की भागीदारी हो सुनिश्चित
  • पलायन को रोकने के लिए रोजगार मुहैया कराने पर जोर
  • झारखंड में वित्त रहित शिक्षा नीति लागू की जाए
  • थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी स्थानीय निवासियों के वंशजों के लिए आरक्षित हो
  • सिद्धो-कान्हू विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिले
  • ग्राम शिक्षा समिति और ग्राम स्वास्थ्य समिति को सशक्त बनाने पर जोर
  • रैयतों को खनिजों में मालिकाना हक मिले
  • मदरसा बोर्ड का गठन कर आलिम-फाजिल डिग्री को सरकारी नियुक्तियों में बराबर की मान्यता मिले
  • झारखंड के आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा मिले
  • सभी पंचायत में उप-स्वास्थ्य केंद्र को नियमित किया जाए
  • साहिबगंज में खासमहल की व्यवस्था समाप्त की जाए
  • सोहराय, बंदना और टुसू को राजकीय पर्व घोषित किया जाए
  • ग्रामसभा को सशक्त करने पर जोर
  • केंद्र सरकार राज्य सरकार को अलग-अलग मदों में बकाया 1.36 लाख करोड़ रु का भुगतान अविलंब सुनिश्चित करे
  • जिला स्तर पर गंभीर बीमारियों की जांच और ईलाज की सुविधा हो
  • उपराजधानी में ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना की जाए

इधर, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने असम में रह रहे आदिवासियों के हित की भी बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें वहां आदिवासियों का दर्जा नहीं मिला है. उन्होंने आह्वान किया कि देश के किसी भी कोने में रह रहे आदिवासी समाज के लोग यहां आते हैं तो उन्हें बसाया जाएगा.

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