गिरिडीहः झारखंड मुक्ति मोर्चा के पुराने नेता में से एक उमेश महतो की मौत हो गई है. उमेश का शव उनके ही गांव के डोभा में मिला है. रविवार की देर शाम शव मिलने की सूचना पर मुफ्फसिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो दलबल के साथ धनयडीह गांव पहुंचे और डोभा से शव को बाहर निकाला. बाद में शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया. घटना को लेकर परिजनों के द्वारा कई तरह की आशंका व्यक्त की जा रही है. परिजन इसे हत्या से जोड़ रहे हैं. हालांकि पुलिस अभी जांच की बात कह रही है.
क्या कहते हैं परिजन
इस घटना के संदर्भ में मृतक के पुत्र रविंद्र प्रसाद वर्मा का कहना है कि वे अपनी गाड़ी लेकर सुल्तानगंज गए थे. इस बीच उनके रिश्तेदार ने खबर दी कि उनके पिता की लाश डोभा में है. इसकी सूचना पुलिस के साथ मुखिया व अन्य को दी गई. कहा कि उनके पिता की हत्या की गई है. कहा कि गांव के ही कुछ लोगों से जमीन का विवाद था.
रविंद्र ने बताया कि घटना में शामिल लोगों की जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए. भतीजा प्रमोद कुमार कहते हैं दोपहर 12 बजे उमेश महतो घर से निकले थे. इस बीच खबर मिली की उनकी लाश डोभा में है. वे पहुंचे और उमेश के पुत्र रविंद्र को सूचना दी. सूचना पुलिस को दी गई और फिर शव को निकाला गया. कहा कि उन्हें लगता है कि उमेश को मारा गया है. कहा कि उनके चाचा पिछले तीस वर्ष से इस तरफ शौच को जाते ही नहीं थे.
पूर्व सरपंच के साथ जेएमएम के प्रखंड अध्यक्ष भी रहे