रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सोमवार को पार्टी के केंद्रीय कैंप कार्यालय में मीडिया संवाद किया. जेएमएम ने भारत निर्वाचन आयोग की अबतक की गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई का फलाफल कल आने वाला है. 1952 से लेकर अबतक चुनाव आयोग के कार्यकलापों का जिक्र करते हुए पार्टी केंद्रीय महासचिव ने कहा कि चुनाव आयोग ने पहली बार एक राजनीतिक दल विशेष को ध्यान में रखकर चुनाव का शेड्यूल तय हुआ.
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि चुनावी सभाओं के दौरान भाषाई मान मर्दन पर निर्वाचन आयोग की चुप्पी पीड़ादायक है. चुनाव आयोग सिर्फ एक दल विशेष के एजेंडे पर काम किया बावजूद इसके वोटरों ने जमकर मतदान किया. लोकतंत्र में विश्वास और विश्वनीयता को सबसे बड़ी चीज बताते हुए झामुमो नेता ने कहा कि कभी ऐसा नहीं लगा कि निर्वाचन आयोग निष्पक्षता से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को होने वाली मतगणना को लेकर पूरी तरह निष्पक्षता और पारदर्शिता की उम्मीद आयोग से जताई.
सबसे पहले पोस्टल बैलेट की हो गणना- झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार निर्वाचन आयोग ने पोस्टल बैलेट की अहर्ता वाले लोगों की संख्या बढ़ाई है. ऐसे में बड़ी संख्या में पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोटिंग हुई है. निर्वाचन आयोग सबसे पहले सभी पोस्टल बैलेट की गणना करें और उसके नतीजे सार्वजनिक करें. 01 जून को हुए मतदान के आखिरी आकंड़े जारी नहीं करने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि मतगणना के दिन फार्म 17C उसकी उपलब्धता हर काउंटिंग एजेंट के सामने होना सुनिश्चित होना चाहिए. इसके अलावा हर मतगणना केंद्र को जीरो पावर कट एरिया बनाने, डीजल जेनरेटर की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया है क्योंकि पावर कट की स्थिति में रिस्टार्ट में कुछ दिक्कतें आ सकती है.
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान चुनाव आयोग से आग्रह किया कि अंतिम नतीजा की घोषणा से पहले ये जरूर सुनिश्चित करा लें. जिससे उम्मीदवार, मतगणना से संतुष्ट हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोई भी उम्मीदवार, शुल्क देकर वीवीपैट का मिलान करा सकता है. झामुमो नेता ने कहा कि मंगलवार का दिन आयोग के लिए परीक्षा का दिन है, वह अपनी विश्वसनीयता साबित कर सकता है.