पटना:बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने एक एक ऐसा पोस्ट शेयर किया है, जिससे सूबे में सियासी खेल होने के कयास फिर से तेज होने लगे हैं. दरअसल, उन्होंने बिना किसी का नाम लिए बगैर बताने की कोशिश की है कि किसी भी भाषा में कह लीजिए लेकिन मतलब एक ही होता है कि खेल होकर रहेगा. साथ ही अंतिम में लोगों की समझदारी पर अपनी बात को छोड़ दिया.
क्या लिखा है जीतनराम मांझी ने?:हम संरक्षक जीतनराम मांझी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा, 'बंगला में कहते हैं, "खेला होबे" मगही में कहते हैं, "खेला होकतो" भोजपुरी में कहते हैं, "खेला होखी" बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं.'
बिहार में सियासी बदलाव की संभावना:बिहार में सियासी मकर संक्रांति संपन्न हो चुकी है. अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा भी हो चुकी है. अब सबकी नजर बिहार पर है. जहां सियासी उठापटक की संभावना जताई जा रही है. पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी है. पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार नीतीश कुमार की वापसी पर सकारात्मक संकेत दिया था. हालांकि जेडीयू के बड़े नेता ऐसी किसी भी संभावना से इंकार करते रहते हैं.