रांचीः राज्य में होने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. राज्य के भीतर तो सुरक्षा के सभी इंतजाम किए ही जा रहे हैं. साथ ही पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर बेहतरीन सुरक्षा का खाका तैयार किया जा रहा है. शुक्रवार को रांची स्थिति झारखंड पुलिस मुख्यालय में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और बिहार पुलिस के साथ सुरक्षा को लेकर रणनीति तैयार की गई.
रेड कॉरिडॉर पर नजर
लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा चुनाव नक्सली संगठन अपनी ताकत का एहसास कराने की अक्सर कोशिश करते हैं. अगले महीने ही झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है. ऐसे में नक्सलियों के हर मंसूबे को नाकाम करने के लिए झारखंड पुलिस ने कमर कस ली है. ऐसे में झारखंड पुलिस अपने पड़ोसी राज्य बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा पुलिस के साथ लगातार समन्वय स्थापित कर इंटरस्टेट बार्डर पर सुरक्षा को लेकर कदम उठा रही है.
आपसी समन्वय को बेहतरीन करने के लिए शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में पड़ोसी राज्यों के वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ झारखंड के डीजीपी अजय सिंह ने महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में नक्सलियों के रेड कॉरिडोर को ब्लॉक करने पर भी सहमति बनी है.
छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा सीमा पर विशेष चौकसी
झारखंड में नक्सलियों को बिहार के साथ-साथ सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ से सपोर्ट मिलता रहा है. वर्तमान समय में भी कोल्हान में डेरा जमाए नक्सलियों में एक बड़ी संख्या छत्तीसगढ़ के रहने वाले नक्सलियों की है. ऐसे में झारखंड पुलिस छत्तीसगढ़ से लेकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा तक फैले रेड कॉरिडोर पर विशेष नजर रखे हुए है. रेड कॉरिडोर में झारखंड पुलिस अपने पड़ोसी राज्यों छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के साथ संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है. इस बैठक में सभी राज्यों ने हार्डकोर नक्सलियों को लेकर सूचना का आदान-प्रदान भी किया.
बाहरी मदद न मिले इसका रखा जा रहा ध्यान
चुनाव के दौरान दूसरे राज्यों के नक्सली झारखंड की सीमा में प्रवेश न कर पाए और ना ही झारखंड के नक्सली दूसरे राज्यों की सीमा पर प्रवेश कर पाए. इसके लिए बार्डर पर विशेष चौकसी बरतने को लेकर रणनीति तैयार की गई है. नक्सली जिस रेड कॉरिडोर का इस्तेमाल एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए करते हैं. वहां पर स्मॉल एक्शन टीम को भी एक्टिव किया गया है. नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना मिलने पर पूरी तैयारी के साथ स्मॉल एक्शन टीम उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी तरह से अलर्ट मोड में है.