रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मुख्यमंत्री को ईडी के समन की अवहेलना मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में सशरीर पेश नहीं होना होगा. दरअसल, इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेमंत सोरेन को 4 दिसंबर को सशरीर पेश होने का आदेश दिया था. इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. सीएम की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश और दीपांकर राय ने न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में पक्ष रखा. फिलहाल हाईकोर्ट ने एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए 16 दिसंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की है. अधिवक्ता दीपांकर राय ने ईटीवी भारत को यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया हाईकोर्ट ने ईडी से जवाब दाखिल करने को कहा है.
दरअसल, ईडी के समन की अवहेलना मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें सशरीर पेश होने को कहा था. सीएम की ओर से व्यवक्तिगत पेशी से छूट का आग्रह करते हुए याचिका दायर की गई थी. जिसे 26 नवंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज करते हुए 4 दिसंबर को सशरीर पेशी का आदेश दिया था. इससे पूर्व ईडी के समन की अवहेलना मामले की सुनवाई सीजेएम कोर्ट में चल रही थी. सीजेएम ने मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था.
बता दें कि ईडी की ओर से 19 फरवरी को हेमंत सोरेन के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराया गया था. ईडी की दलील थी कि जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को 10 बार समन जारी किए गये थे. लेकिन वह 8वें समन पर 20 जनवरी को और 10वें समन पर 31 जनवरी को एजेंसी के सामने पूछताछ के लिए आए थे. लिहाजा, शेष आठ समन की अवहेलना की गई थी.
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