देवघर:झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर देवघर में भी राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. देवघर विधानसभा सीट के लिए बीजेपी ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. वर्तमान विधायक नारायण दास पर ही पार्टी ने दोबारा भरोसा जताते हुए टिकट दिया है. वहीं इंडिया गठबंधन में देवघर सीट किस पार्टी के खाते में जाएगी यह अभी तय नहीं हुआ है. लेकिन राजद से सुरेश पासवान इस सीट पर अपना दावा कर रहे हैं और मैदान में पसीना बहाना भी शुरू कर दिया है.
राजद को सहयोगी दलों से उम्मीद
दरअसल, इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनने के कारण राजद खेमे के नेता थोड़ा परेशान हैं. वहीं राजद देवघर सीट पर जीत के लिए अपने सहयोगी दलों के भरोसे है. विधानसभा चुनाव 2019 के समीकरण पर गौर करें तो देवघर विधानसभा सीट से राजद से सुरेश पासवान कैंडिडेट थे और उन्हें कांग्रेस और झामुमो का सहयोग मिला था. इस कारण वह मात्र 2624 वोटों से हारे थे.
2014 में अधिक अंतर से हारा था राजद
वहीं वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में उनकी हार का अंतर 46870 वोटों का था. इसका कारण यह था कि 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और झामुमो ने राजद का साथ नहीं दिया था. इसलिए राजद नेता यह सोचकर परेशान हैं कि यदि इस बार इंडिया गठबंधन का साथ नहीं मिला तो फिर वर्ष 2014 विधानसभा चुनाव वाला हाल हो सकता है.
राजद को उम्मीद है कि यदि इस बार के विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का साथ मिलता है तो देवघर विधानसभा सीट पर इस वर्ष राजद अपना परचम लहरा सकता है और इंडिया गठबंधन की झोली में देवघर सीट को दे सकता है.
2019 में 2624 वोटों से हुई थी हार
बता दें कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का साथ मिलने के कारण ही महज 2624 वोटों से राजद प्रत्याशी सुरेश पासवान की हार हुई थी. इसलिए राष्ट्रीय जनता दल के नेता सुरेश पासवान चाहते हैं कि राजद के साथ कांग्रेस और झामुमो का गठबंधन हो, ताकि वह देवघर के रण को आराम से जीत सकें.