रांची:देश में 1 जुलाई यानी आज से आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू हो गया है. इसपर सूबे के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि तीनों नये कानून को लेकर अभी तक कोई समस्या सामने नहीं आई है. लेकिन चुनौतियां जरुर आएंगी. क्योंकि 100 पुराने तीनों कानून की जगह नये कानून लागू हुए हैं. हालांकि हर चुनौती से निपटने की कवायद लगातार चल रही है.
डीजीपी ने बताया कि नये कानून के तहत फॉरेंसिक की भूमिका बढ़ गयी है. पूर्व में एफएसएल की टीम अपने हिसाब से स्पॉट पर पहुंचती थी. जांच पदाधिकारी भी अपने तरीके से चीजों को देखते थे. लेकिन अब सात साल तक की सजा से जुड़े मामलों में एफएसएल और आईओ की एक साथ स्पॉट पर मौजूदगी अनिवार्य हो गई है. डीजीपी ने कहा कि राज्य में पुलिस पदाधिकारियों को इसकी ट्रेनिंग भी दे दी गई है. समय के साथ सबकुछ स्ट्रीमलाइन हो जाएगा. यह लगातार चलने वाली प्रक्रिया है.
डीजीपी अजय कुमार सिंह ने कहा कि तीनों कानून को लेकर जागरुकता के लिहाज से कवायद चल रही है. लोगों में किसी तरह का संशय ना रहे, इसको देखते हुए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. डीजीपी ने बताया कि नये आपराधिक कानून के तहत राज्य की राजधानी कोतवाली थाना में चोरी से जुड़ी पहली प्राथमिकी दर्ज हुई है. उन्होंने बताया कि अपर बाजार के श्रद्धानंद रोड स्थित एक दवा दुकान में चोरी हुई है.