रांची:भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता जेबी तुबिद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राज्य में जल्द सर्वमान्य स्थानीय और नियोजन नीति लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि स्थानीय नीति एक ज्वलंत मुद्दा है और पिछले 20-25 वर्षों में जिस तरह से स्थानीय नीति को लाया गया या उसका प्रयास हुआ, उससे जनता के बीच माहौल विषाक्त हो गया है. ऐसे में सरकार की ओर से निर्णय लेने की जरूरत है.
स्थानीय नीति को वजह बताकर अर्जुन मुंडा की गिराई थी सरकार: जेबी तुबिद
जेबी तुबिद ने कहा कि जब अर्जुन मुंडा की सरकार थी और हेमंत सोरेन उप मुख्यमंत्री थे, उस समय स्थानीय नीति पर कोई फैसला नहीं लेने पर हेमंत सोरेन ने विधायकों के साथ समर्थन वापस ले लिया था. जिससे अर्जुन मुंडा की सरकार गिर गई थी. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों से राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार चल रही है. ऐसे में उन्हें स्थानीय नीति बनानी चाहिए.
जानकारी देते बीजेपी और जेएमएम प्रवक्ता (ईटीवी भारत) बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि मुद्दा दो है. पहला आप झारखंड में रहने वाले किन लोगों को स्थानीय कहेंगे और दूसरा यह है कि नियोजन की दृष्टि से किसे प्राथमिकता देंगे.
आम धारणा है कि झारखंड आदिवासी और मूलवासियों का राज्य: जेबी तुबिद
आम धारणा यह है कि झारखंड आदिवासियों और मूलवासियों का राज्य है. लेकिन जो नियोजन की दृष्टि या बेहतर भविष्य के लिए पुराने समय में धनबाद, बोकारो या जमशेदपुर में आए हैं, वह स्थानीय हैं या स्थानीय की श्रेणी से बाहर हैं. जिसको लेकर हमेशा विवाद चलता है. जेबी तुबिद ने कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि जो संयुक्त बिहार राज्य के समय बड़े शहरों में आए उन्हें क्या मानेंगे! इसलिए सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अपनी नियोजन नीति और स्थानीय नीति में क्या तय करेंगे. क्योंकि इसे एक दूसरे के साथ नहीं जोड़ सकते हैं.
नियोजन नीति के लिए हमें अपना विंडो खोलना पड़ेगाः जेबी तुबिद
जेबी तुबिद ने कहा कि जो हमेशा से झारखंड के भौगोलिक सीमा में रहे हैं वह स्थानीय हैं, लेकिन नियोजन नीति के लिए विंडो खोलना पड़ेगा और स्पष्ट करना होगा कि हम किसे नौकरी देना चाहते हैं. क्योंकि झारखंड के बच्चे भी दूसरे राज्य में जाकर नौकरी पाते हैं. ऐसे में जब तक हम रेसीप्रोकल अप्रोच कहने का मतलब कि दूसरे राज्यों के लोगों को भी एक निश्चित प्रतिशत में नियोजन नहीं देते हैं तब तक यह विवादित रहेगा.
दूसरे राज्यों की स्थानीय नीति भी देखनी होगी: तुबिद
झारखंड का स्थानीय कौन! इसका कट ऑफ को लेकर कुछ मतभेद हो सकते हैं, यह एक राजनीतिक निर्णय का विषय है कि आप कट ऑफ वर्ष 2000 रखेंगे या 2014 रखेंगे. सामान्यतः दूसरे राज्यों के नीतियों को देखेंगे तो जो व्यक्ति 15 वर्षों तक किसी राज्य में रहा हो उसे कुछ शर्तों के साथ उस राज्य का मान लिया जाता है. राज्य सरकार को इस पर शीघ्र निर्णय लेना होगा ताकि राज्य के युवाओं का भला हो सके.
खबरों में बने रहने के लिए जेबी तुबिद इस तरह बयान देते हैं: जेएमएम
बीजेपी प्रवक्ता के बयान को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि जेबी तुबिद खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की बातें करते हैं. झामुमो नेता ने कहा कि जेबी तुबिद को स्थानीय और नियोजन नीति को लेकर अपने विचार भाजपा में रखने चाहिए. भाजपा ने ही पहले त्रुटिपूर्ण नीति बनाई और जब जब मौका मिला आपस में लोगों को लड़वाने का काम किया. उन्होंने कहा कि यहां के आदिवासियों-मूलवासियों के अधिकारों पर बीजेपी ने कुठाराघात किया.
जेएमएम प्रवक्ता ने कहा कि हमारी बनाई स्थानीय और नियोजन नीति लागू नहीं हो, इसलिए अड़ंगा डालने के लिए इनके लोग हाईकोर्ट चले गए और वहां से स्टे लग गया. भाजपा के नेताओं को दोहरा चरित्र का बताते हुए झामुमो प्रवक्ता ने जेबी तुबिद से कहा कि अगर वह इस मुद्दे के समाधान के लिए ईमानदारी से पहल करना चाहते हैं तो सर्वदलीय बैठक बुलाएं. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता चिंता न करें, राज्य के धरतीपुत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यहां के लोगों की मानसिकता के अनुसार स्थानीय और नियोजन नीति बनाएंगे.
ये भी पढ़ें-झारखंड विधानसभा से दोबारा पारित 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने बताया धोखा, कहा- अब आंदोलन होगा
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खूब हुई तकरार
झारखंड विधानसभा से दोबारा पारित 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने बताया धोखा, कहा- अब आंदोलन होगा