झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

Jharkhand Assembly Elections 2024: नक्सलियों के गढ़ में महिलाओ ने अधिक की वोटिंग, क्या पलायन कर गए पुरुष?

झारखंड में पहले चरण के मतदान में पुरुषों से अधिक महिलाओं ने मतदान किया. नक्सल इलाकों में भी महिलाएं मतदान में पुरूषों से आगे हैं.

पलायन बना सबसे बड़ा कारण
झारखंड में पहले चरण के मतदान में पुरूषों से अधिक महिलाओ ने वोटिंग की (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 4 hours ago

पलामूःविधानसभा चुनाव को लेकर पहले चरण में पलामू प्रमंडल में पुरुषों से अधिक महिलाओं ने मतदान किया है. नक्सल प्रभावित इलाके में मतदान का यहां आंकड़ा और बढ़ गया है तथा महिलाओं ने यहां पर पुरूषों से अधिक वोटिंग की है. लोकसभा चुनाव के दौरान भी पलामू के कई ऐसे मतदान केंद्र थे जहां पुरुषों से अधिक महिलाओ ने वोटिंग की थी. लेकिन इस बार पलामू और गढ़वा के सभी विधानसभा सिटों पर पुरुषों से अधिक महिलाओ ने वोटिंग की है.

मतदान में महिलाओं का अनुपात अधिक

पलामू के पांकी विधानसभा सीट पर 103305 पुरुषों ने जबकि 110415 महिलाओं ने वोटिंग की है. इसी तरह डालटनगंज विधानसभा सीट पर 130511 पुरुष जबकि 132088 महिलाओ ने मतदान किया है. विश्रामपुर विधानसभा सीट पर 109151 पुरुषों ने जबकि 117694 महिलाओं ने वोटिंग की है. छतरपुर विधानसभा सीट पर 92931 पुरुष जबकि 101845 महिलाओं ने वोटिंग की.

हुसैनाबाद की अगर बात की जाए तो यहां विधानसभा सीट पर 93824 पुरुष जबकि 98217 महिलाओं ने वोटिंग की. गढ़वा विधानसभा सीट पर 140638 पुरुष जबकि 148667 महिलाओं ने मतदान किया है. इसी प्रकार भवनाथपुर विधानसभा सीट पर 144579 पुरुष जबकि 154442 महिलाओ ने वोटिंग की है. सबसे अधिक छतरपुर एवं भवनाथपुर विधानसभा सीट पर महिलाओं एवं पुरुषों के वोटिंग से संबंधित आंकड़ों में अंतर है.

नक्सलियों के गढ़ में महिलाओ ने दिखाई ताकत

वोटिंग के आंकड़ों पर गौर करें तो नक्सलियों के गढ़ में महिलाओं ने अपनी ताकत दिखाई है और बंपर वोटिंग की है. छतरपुर विधानसभा सीट, पलामू का अति नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्र माना जाता है. इस सीट पर महिला एवं पुरुषों के वोटिंग के आंकड़ो में काफी अंतर है. विधानसभा सीट के डगरा सरईडीह के इलाके में पुरुषों से अधिक महिलाओं ने मतदान किया है. बूढ़ापहाड़ की इलाके में भी महिलाओं ने अधिक मतदान किया है.

पलायन बना बड़ा कारण

पलामू से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर नौकरी के लिए बाहरी राज्यों में जाते हैं. वोटिंग के आंकड़ों में इसका काफी असर देखा गया है. कोविड-19 काल के दौरान पलामू में 63 हजार, वहीं गढ़वा में 50 हजार के करीब मजदूरों के आंकड़े को रिकॉर्ड किया था.

राजनीतिक मामलों के जानकार सुरेंद्र प्रसाद बताते हैं कि दुर्गा पूजा एवं छठ के दौरान लोग बड़ी संख्या में वापस घर लौटे थे. लेकिन बड़ी संख्या में मजदूर नौकरी के लिए वापस भी चले गए, इसका असर वोटिंग में भी देखा गया है.

ये भी पढ़ेंः

अमित शाह के किस बयान पर सांसद सरफराज अहमद ने कहा कि मजाक कर रहे हैं गृहमंत्री!

पहले फेज में महिला मतदाताओं ने दिखाया ज्यादा दम, वोटिंग में पुरुषों से रहीं आगे

पहले फेज में 2019 चुनाव की तुलना में ज्यादा हुआ मतदान

ABOUT THE AUTHOR

...view details