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डबल मर्डर के दोषी को उम्रकैद; दोस्त को गोली मारकर ब्लैक बोर्ड पर लिखा था फिनिश, एक तरफा प्यार में छात्रा की हत्या की थी - JHANSI NEWS

कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, 5 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

कोर्ट की खबर
कोर्ट की खबर (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 7, 2025, 9:18 PM IST

झांसी : जिले में करीब चार पहले एक तरफा प्यार के चलते बहुचर्चित डबल मर्डर मामले में कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने कारावास के साथ-साथ 5 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. युवक ने 2021 में उसके साथ ही पढ़ने वाले दोस्त को क्लास में पढ़ाई करते समय गोली मार दी थी और ब्लैक बोर्ड पर 'फिनिश' लिख दिया था. इसके बाद उसकी दोस्त छात्रा जिससे आरोपी एक तरफा प्यार करता था उसको उसके घर जाकर गोली मारकर हत्या कर दी थी. दोनों मृतकों के परिजनों ने कोर्ट के फैसले से न्याय मिलने की बात कही है और आरोपी को फांसी की सजा दिए जाने की मांग भी की है.

मामले में पैरवी कर शासकीय अधिवक्ता मृदुल कांत श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी मंथन सिंह सेंगर, हुक्मेंद्र सिंह गुर्जर और छात्रा कृतिका तीनों आपस में दोस्त थे और एक साथ काॅलेज में पढ़ाई करते थे. आरोपी मंथन उसके साथ पढ़ाई कर रही छात्रा कृतिका से एक तरफ प्यार करता था, लेकिन कृतिका की दोस्ती उसके साथ एमए कर रहे छात्र हुक्मेंद्र सिंह गुर्जर से थी. दोनों का एक दूसरे के घर पर भी आना जाना था. उन्होंने बताया कि आरोपी मंथन सिंह सेंगर को ये बात बर्दाश्त नहीं हुई थी. 19 फरवरी 2021 को छात्र हुक्मेंद्र सिंह अपनी क्लास में बैठकर पढ़ाई कर रहा था. तब आरोपी मंथन ने सबके सामने क्लास में हुक्मेंद्र को गोली मार दी और ब्लैक बोर्ड पर दिल बनकर उसमें 'फिनिश' लिखकर कृतिका को गोली मारने की बात कहते हुए चला गया था.

उन्होंने बताया कि कुछ ही देर में आरोपी छात्रा के घर पहुंच गया था. कृतिका अपनी दादी के साथ बैठी हुई थी और आरोपी ने कृतिका को गोली मार दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी. उन्होंने बताया कि इसके बाद उसने कृतिका की दादी (80) और उसके पिता को भी जान से मारने का प्रयास किया था, लेकिन मौके पर भीड़ और सही समय पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को असलहा सहित गिरफ्तार कर लिया था. छात्र हुक्मेंद्र ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. न्यायालय में चार साल चले ट्रायल के दौरान 19 गवाहों के बयान लिए गए थे, जिसमें मृतक हुक्मेंद्र की क्लास में पढ़ रही एक छात्रा जोकि घटना की चश्मदीद बनी थी, उसके बयान सजा दिलाने में अहम साबित हुए.

शासकीय अधिवक्ता मृदुल कांत श्रीवास्तव ने बताया कि न्यायालय एससी एसटी तृतीय धीरेंद्र कुमार ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए मंथन सिंह सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है. वहीं मृतकों के परिजनों ने न्यायालय के फैसले को संतोषजनक बताया है. मृतक हुक्मेंद्र के चाचा संजय सिंह गुर्जर ने बताया कि फैसले से उनको संतुष्टि हुई है, लेकिन दो लोगों की हत्या करने वाले समाज के आरोपी को फांसी की सजा होती तो उन्हें ज्यादा संतुष्टि मिलती, जिसके लिए वह प्रयास करेंगे.

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