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जशपुर पुलिस की स्थाई वारंटियों पर कार्रवाई, दहेज प्रताड़ना के 3 आरोपी गिरफ्तार - JASHPUR POLICE ACTION

जशपुर पुलिस ने स्थाई वारंटियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

Jashpur Police Action
दहेज प्रताड़ना के खिलाफ कार्रवाई (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 9, 2025, 7:41 AM IST

जशपुर :छत्तीसगढ़ की जशपुर पुलिस ने स्थाई वारंटियों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाते हुए दहेज प्रताड़ना के 3 स्थाई वारंटियों को धर दबोचा है. पुलिस ने झारखंड की राजधानी रांची से तीनों को गिरफ्तार किया है. पुलिस इस अभियान के तहत आने वाले दिनों में अन्य स्थाई वारंटियों को भी गिरफ्तार करने की योजना बना रही है.

दहेज प्रताड़ना के खिलाफ कार्रवाई : पुलिस के मुताबिक, दहेज प्रताड़ना का यह मामला 2017 में शुरू हुआ था, जब आशीष मिश्रा और जशपुर की एक युवती के बीच रजामंदी से शादी की बात हुई. 2018 में उनकी रिंग सेरेमनी और 2019 में विवाह हुआ. विवाह के कुछ दिनों बाद आशीष मिश्रा और उनके परिवार ने दहेज की मांग को लेकर वधु को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना शुरू कर दिया.

केस दर्ज कर तलाश में जुटी थी पुलिस : सिटी कोतवाली जशपुर में परेशान युवती ने ससुराल पक्ष की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद इस केस की जांच शुरू की गई. पुलिस की जांच में आशीष मिश्रा और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, मारपीट और अन्य आरोपों के तहत केस दर्ज किया गया. आरोपियों के न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर न्यायालय ने उनके खिलाफ स्थाई वारंट जारी किया था.

जशपुर एएसपी अनिल सोनी के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम गठित की गई, जिसने रांची (झारखंड) जाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया और उन्हें जशपुर न्यायालय में पेश किया. आरोपी आशीष मिश्रा निवासी गोसाइडीह झारखंड, कल्याणी मिश्रा निवासी गोसाईदीह, झारखंड, अनामिका मिश्रा निवासी धरमपुर जिला देवघर झारखंड को भादवि की धारा 498(ए), 294, 323, 34 के अंतर्गत दहेज प्रताड़ना अधिनियम के तहत न्यायालय ने तीनों आरोपियों को जेल भेजने के आदेश दिए : शशि मोहन सिंह, एसएसपी, जशपुर

जशपुर पुलिस के इस अभियान के तहत एक सप्ताह के भीतर कुल 8 स्थाई वारंटियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जशपुर पुलिस का यह अभियान लगातार जारी रहेगा. पुलिस टीम को लगातार टास्क दिया गया है. पुलिस की कोशिश होगी कि अधिक से अधिक स्थाई वारंटों को तामील कर पीड़ित को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में पुलिस अपनी अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करे. इस वर्ष अब तक कुल 18 स्थाई वारंट तामील कर उन्हें न्यायालय में पेश किया जा चुका है.

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