मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जनकपुर में एक प्राचीन हनुमान मंदिर है. यहां पेड़ के नीचे दक्षिणमुखी हनुमान विराजमान हैं. इस मंदिर के पास बनास नदी है, जिसमें 12 माह स्वच्छ जल बहता रहता है. इस बनास नदी के आगे की ओर रमदहा जलप्रपात भी है. यहां चारों तरफ हरियाली देखने को मिलती है. हर समय पक्षियों की चहचहाहट और मनोरम दृश्य यहां देखने को मिलता है. यही कारण है कि यहां आकर हनुमानजी के भक्तों का मन भी प्रसन्न हो उठता है.
पेड़ के नीचे विराजमान बजरंगबली दूर करते हैं प्रेत-बाधा:दरअसल, यह मंदिर विकासखंड जनकपुर से 40 किलोमीटर दूर भंवरखोह गांव में स्थित है. यहां पेड़ के नीचे हनुमानजी विराजमान हैं. हनुमानजी की दक्षिणमुखी प्रतिमा प्राचीन काल से पेड़ के नीचे स्थापित की गई थी. ग्रामीणों का मानना है कि यदि आसपास के क्षेत्रों की खुदाई करवाई जाए तो और भी प्राचीन मूर्तियां और धरोहर यहां मिलने की संभावना है.
मन्नत के लिए बांधते हैं नारियल: जनकपुर के इस प्राचीन हनुमान मंदिर में आने वाले की हर मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार के दिन भक्तों का तांता लगा रहता है. जो भी भक्त सच्चे मन से यहां लाल कपड़े में नारियल बांधकर जाता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है. मुराद पूरी होने के बाद भक्त वापस लौटकर उस लाल कपड़े में बंधे नारियल को फोड़ते हैं. ये परम्परा यहां शुरू से ही चली आ रही है.
"पिछले कई सालों से मंदिर में पूजा कर रहा हूं. सुबह हनुमान जी महाराज की मूर्ति का पूजन पीले चंदन से राम नाम लिखे हुए अकौ आके पत्ते की माला से किया जाता है. इसके बाद मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाया जाता है. ये मूर्ति हजारों साल पुरानी है. यहां सालों से पेड़ के नीचे हनुमान जी की ये प्रतिमा स्थापित है. हनुमान जी के डर से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं. कई लोग यहां बुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए भी आते हैं. दूसरे राज्य के लोग भी यहां प्रेतबाधा से मुक्ति के लिए पहुंचते हैं. यहां आने वाले की हर मुराद हनुमानजी पूरी करते हैं.: रामचंद्र शरण जी महाराज, जनकपुर हनुमान मंदिर के पुजारी
सड़क सुविधा न होने से भक्तों को हो रही परेशानी: यहां के आने वाले भक्त अमर बहादुर सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि, "यहां हर दिन भक्तों की भीड़ उमड़ती है. यहां दूर-दूराज से भी भक्त पहुंचते हैं. इस मंदिर के प्रति लोगों की काफी आस्था है. हालांकि यहां पहुंचने में हमें काफी दिक्कतें होती है. यहां रोड की सुविधा सही रहने पर भक्तों की कई परेशानियां दूर होंगी."
"यहां, महेंद्रगढ़, सीधी, बनसुखली, शहडोल से भक्त आते हैं.यहां रोड की सुविधा नहीं है अगर रोड बन जाती तो अच्छा रहता. यहां पर चार-पांच साल से आ रहा हूं. जो भी मन्नत मांगता हूं, पूरी होती है." : दिनेश यादव, श्रद्धालु
"ये मंदिर काफी प्राचीन है. यहांं जो भी मन्नत मांगते हैं, वह पूरा होता है": रामधनी, श्रद्धालु