पटना: चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बनेप्रशांत किशोरने कहा कि जनता को तय करना है कि वह किसका साथ देगी. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को किसी पहचान की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह लालू यादव के बेटे हैं लेकिन मेरे जैसे लोगों को अपनी पहचान खुद से बनानी होती है. पीके ने कहा कि जो आदमी भी अपने दम पर आगे बढ़ा है, उसका रास्ता टेढ़ा-मेढ़ा होता है. इस दौरान उन्होंने शाहरुख खान और अभिषेक बच्चन का उदाहरण देकर अपने और तेजस्वी में अंतर समझाया.
शाहरुख और अभिषेक का नाम क्यों लिया?:प्रशांत किशोर ने कहा कि शाहरुख खान के पिता बड़े आदमी नहीं थे, इसलिए उनको संघर्ष करना पड़ा. पहले टीवी सीरियल में काम किया, फिर फिल्मों में अवसर मिला. जब वह सफल हो गए तब अपनी पसंद के डायरेक्ट यश चोपड़ा और करण जौहर के साथ काम करने का फैसला किया. वहीं दूसरी तरफ अभिषेक बच्चन के पिता अमिताभ बच्चन हैं, लिहाजा उनको जेपी दत्ता जैसे डायरेक्टर के साथ ही पहली फिल्म में काम करने का मौका मिल गया.
'तेजस्वी तो बड़े बाप के बेटे हैं':प्रशांत किशोर ने अपनी बात को आगे समझाते हुए कहा कि अभिषेक बच्चन की तरह ही तेजस्वी यादव भी बड़े बाप के बेटे हैं. उनके पिता लालू यादव हैं, ऐसे में उनको अपनी पहचान बनाने की जरूरत नहीं है लेकिन मेरे जैसे साधारण व्यक्ति को कौन पहचानेगा. मेरे पिता तेजस्वी के पिता की तरह बड़े आदमी नहीं हैं.
जनता को अपना नेता चुनना होगा:प्रशांत किशोर ने कहा कि भले ही मैं बड़े बाप का बेटा नहीं हूं लेकिन मैंने अपने मेहनत की बदौलत अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने कहा कि जो आदमी अपने दम पर आगे बढ़ा है, उसका रास्ता टेढ़ा-मेढ़ा होता है. लिहाजा जनता को तय करना है कि वह किसे चुनती है.
"शाहरुख खान का नाम आपने सुना होगा. पहले उन्होंने टीवी से करियर की शुरुआत की, फिर फिल्म में काम किया. उसके बाद अपनी पसंद के डायरेक्टर के साथ ही काम करना करने का फैसला लिया. दूसरी तरफ अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन ने बड़े निर्देशक की फिल्म से करियर शुरू किया. इसी तरह तेजस्वी यादव को किसी पहचान की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके पिता लालू प्रसाद यादव है."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज