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विधायकों का वेतन भत्ता बढ़ाने पर जन संघर्ष मोर्चा में आक्रोश, फैसले को जनता की पीठ में छुरा घोंपने जैसा बताया - MLA salary allowances increased

Oppose of increase in salary and allowances of Uttarakhand MLAs राज्य आंदोलनकारी, उत्तराखंड के विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने से खुश नहीं हैं. जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ नेगी ने विधायकों का वेतन भत्ता बढ़ाने के फैसले को जनता की पीछ में छुरा घोंपने जैसा बताया है. उन्होंने कहा कि विधायक जन सेवक हैं, उन्हें इतनी ज्यादा सुख सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए. सरकार को अपना ये फैसला वापस लेना चाहिए.

MLA SALARY ALLOWANCES INCREASED
जन संघर्ष मोर्चा समाचार (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 23, 2024, 11:40 AM IST

Updated : Aug 23, 2024, 12:43 PM IST

विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने का विरोध (Video- ETV Bharat)

विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा विधायकों की सुख सुविधा बढ़ाना, जनता की पीठ में छुरा घोंपने जैसा है. राज्य आंदोलनकारी ने कहा कि प्रदेश पर 80 से 90 हजार करोड़ का कर्ज है. इस कर्ज को चुकाने की बजाय सरकार विधायकों की सुख-सुविधा बढ़ाने में लगी है.

विधायकों का वेतन भत्ता बढ़ा है: दरअसल उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में चल रहे उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान दूसरे दिन विधायकों का वेतन भत्ता बढ़ाने के लिए विधेयक पेश किया गया था. विधानसभा से ये विधेयक पास भी हो गया है. अभी तक विधायकों को वेतन भत्ते के रूप में प्रतिमाह लगभग 2.90 लाख रुपए मिलते हैं. ऐसा अनुमान है कि इस विधेयक के पास होने के बाद अब विधायकों के वेतन भत्ते करीब 4 लाख रुपए हो जाएंगे.

जन संघर्ष मोर्चा ने वेतन भत्ते बढ़ाने का विरोध किया: जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि पहले ही विधायकों को वेतन, भत्ते और पेंशन आदि के नाम पर लाखों रुपए दिए जा रहे हैं. उसके बाद फिर उनके भत्तों में वृद्धि एवं विदेश में सरकारी खर्चे पर इलाज आदि से प्रदेश को कंगाल बनाने की दिशा में ले जाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर जनता को इलाज के नाम पर घंटों तपती गर्मी में टीन शेड के नीचे बैठ कर इंतजार कराया जाता है.

रघुनाथ नेगी ने लगाए ये आरोप: रघुनाथ सिंह नेगी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, प्रदेश पर वर्तमान में लगभग 80 से 90 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है, जो कि दिवालिया होने की कगार पर है, लेकिन सरकार को इसकी फिक्र नहीं है. अगर फिक्र है तो सिर्फ विधायकों की, जिनमें अधिकांश विधायक हर वक्त अवैध खनन, विधायक निधि में कमीशन का खेल एवं अन्य ठेकेदारी के माध्यम से लाखों करोड़ों रुपया कमा रहे हैं. जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने आरोप लगाया कि कई विधायक तो नशा कारोबारी का भी पूरा साथ दे रहे हैं. वहीं दूसरी ओर वर्षों से 10 से 15 हजार में नौकरी करने वाले गरीब कर्मचारियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. गरीब वृद्ध एवं विधवाएं 15 सौ रुपए मासिक पेंशन में अपना गुजारा कर रहे हैं. लेकिन इनको कभी इन गरीबों की चिंता नहीं सताती. ऐसा प्रतीत होता है कि यह विधायक जनता के सेवक नहीं, बल्कि सरकारी सेवक के साथ-साथ माफिया के रहनुमा बन गए हैं.

सरकार से सुख सुविधाएं वापस लेने की मांग: जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि यह बिल्कुल दुर्भाग्यपूर्ण है. हम सरकार से मांग करते हैं कि विधायकों की सारी सुख सुविधाएं बंद होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार अपने फैसले को वापस ले. विधायक जनता के सेवक हैं, उनको किस बात की इतनी ज्यादा सुख सुविधाएं.
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Last Updated : Aug 23, 2024, 12:43 PM IST

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