शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जुबानी हमला बोला है. उन्होंने सुक्खू सरकार पर बीजेपी सरकार के समय पर शुरू किए गए कामों के ही फीता काटने के आरोप लगाए हैं.
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री पूर्व सरकार के समय शुरू किए गए विकास कार्यों का फीता काटते हुए कहते हैं कि जयराम ठाकुर की सरकार ने कुछ नहीं किया, जबकि सुक्खू सरकार ने लोगों को नौकरी से निकालने संस्थान बंद करने, इंजीनियर के पद समाप्त करने, लोगों पर टैक्स का बोझ डालने, महंगाई बढ़ाने के अलावा कोई काम नहीं किया है. आजकल मुख्यमंत्री जिन कार्यों का फीता काटते हैं उनमें कांग्रेस सरकार ने एक भी पैसे का योगदान नहीं दिया है. सभी कार्यों का शिलान्यास, बजट में प्रावधान से लेकर अन्य सभी प्रकार की क्लीयरेंस पूर्व सरकार द्वारा ही की गई थी. इन सभी परियोजनाओं में सुक्खू सरकार का बस इतना योगदान है कि उनके द्वारा लगाए गए अड़ंगों की वजह से परियोजनाओं के पूर्ण होने में देरी हुई. मुख्यमंत्री जिन जगहों का फीता एक बार काटकर संतुष्ट नहीं हुए वहां दूसरी बार भी जाकर फीता काटा है.'
जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'अब मुख्यमंत्री से विनम्र निवेदन है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार, जयराम ठाकुर, पूर्व की भाजपा सरकार को कोसने से बाज आएं और प्रदेश के लोगों को यह बताएं कि उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए क्या कार्य किए हैं. अगर अपने मुंह से यह भी बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से उन्होंने प्रदेश के लोगों से क्या-क्या छीना है तो उनकी बड़ी मेहरबानी होगी. सरकार इस समय लोगों को डरा कर शासन करना चाहती है. अधिकारियों और कर्मचारियों पर दबाव बनाने में जब सरकार नाकाम हो गई तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को अपने निशाने पर ले रही है कि न खबर छपेगी और नहीं सरकार की किरकिरी होगी. सब कुछ अच्छा- अच्छा दिखेगा, लेकिन अब ऐसा होने वाला नहीं है. सरकार चाहती है कि भ्रष्टाचार होता रहे और भ्रष्टाचार की बातें अखबारों में न छपे, मीडिया के जरिए लोगों के सामने न आए.'
पूर्ल सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि, 'सरकार और सरकार के नेता, मंत्री विधायक सब लोग यह समझ लें कि लोकतंत्र में तानाशाही नहीं चल पाएगी. सरकार चाहती है कि एक नेता जो जिम्मेदार पद पर कार्य कर चुका है, उसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी मीडिया न दिखाए. सिर्फ और सिर्फ सरकार द्वारा परोसे जा रहे झूठ को प्रोत्साहित किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है. आज सुक्खू सरकार और उससे जुड़े लोग जो कर रहे हैं वो वह सीधे-सीधे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर प्रहार है और संविधान के द्वारा प्रदत्त किए गए मौलिक अधिकारों का हनन है.'
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