रांची: झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति यानी JBKSS के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो ने आज रांची के प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत की. संवाद के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति से जनता को अवगत कराया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आदिवासियत सिर्फ कागजों पर नहीं दिखनी चाहिए. जयराम महतो ने "अपना-अपना करो सुधार, तभी मिटेगा भ्र्ष्टाचार" के कथन का अनुसरण करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नेमरा-गोला को छोड़कर बाकी जहां भी हेमंत सोरेन की जमीन है उसे आदिवासियों (मूल खातियानियों) को वापस कर देनी चाहिए.
जनता की उम्मीद पर खरा नहीं उतर पाए हेमंत सोरेन
जेबीकेएसएस के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो ने मीडिया संवाद के दौरान कहा कि जिस उम्मीद के साथ 2019 में राज्य की जनता ने सत्ता परिवर्तन कर कुर्सी महागठबंधन और हेमंत सोरेन को सौंपी थी वह उम्मीद पूरी नहीं हुई. JBKSS द्वारा राज्य में अगला विधानसभा चुनाव पूरे दमखम के साथ और अकेले लड़ने का ऐलान किया है. जयराम महतो ने कहा कि पहले उन्होंने 55 विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने की बात कही थी लेकिन पलामू जिले में जिस तरह का उत्साह JBKSS को लेकर है उसके बाद सीटें बढ़ सकती है.
स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा नौकरी मिले- जयराम
जयराम महतो ने कहा कि जेपीएससी द्वारा नगर निगम की ली गयी परीक्षा में ओपन फॉर ऑल में बाहरी लोग आ गए हैं. हमारे पास दो लिस्ट है एक में दूसरे प्रदेश से राज्य में नौकरी पाए लोगों की है तो दूसरा लिस्ट उन मजदूरों की है जो राज्य छोड़कर दूसरे राज्य रोजी-रोटी की तलाश में गए थे और उनकी मौत हो गयी. क्या इसी के लिए झारखंड राज्य बना था. कई अन्य राज्य तरह-तरह का नियम कानून बनाकर बाहरी प्रदेश के लोगों के लिए ओपन फॉर ऑल की सीट को भी बाहरी लोगों के लिए कठिन बना देते हैं, ऐसे ही कुछ नियम यहां भी बनाना होगा.