जयपुरःपॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने स्कूली छात्राओं के एआई तकनीक से न्यूड फोटो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने से जुडे़ मामले में चार किशोर आरोपियों को सशर्त जमानत पर रिहा करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में संदेहपूर्ण अनुसंधान करने पर मानसरोवर थाने के थानाधिकारी व प्रकरण में अब तक रहे अनुसंधान अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक अभियोजन और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए डीसीपी दक्षिण को आदेश की कॉपी भेजी है.
पीठासीन अधिकारी तिरुपति कुमार गुप्ता ने अपने आदेश में कहा कि अनुसंधान अधिकारी ने दो अन्य आरोपियों के लिए अज्ञात कारणों से अलग पैमाना अपनाया है. चैट में इन दोनों ने भी अत्यंत भद्दी भाषा में न्यूड फोटोग्राफ की मांग की है और ग्रुप की गतिविधियों में सक्रिय सहयोग किया है. अदालत ने कहा कि 3 फरवरी, 2024 को एफआईआर दर्ज होने के करीब आठ माह बाद पीड़िता के धारा 161 के बयान और करीब दस माह बाद धारा 164 के बयान कराए. कानूनी प्रावधान है कि घटना के तुरंत बाद ही बयान दर्ज हो जाने चाहिए थे. ऐसा नहीं करना भी आईपीसी की धारा 166ए के तहत दंडनीय है.