शंकराचार्य ने क्या कहा, सुनिए.. (ETV Bharat Jaipur) जयपुर. ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य ने गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने की मुहिम छेड़ रखी है. अपने जयपुर प्रवास के दौरान भी उन्होंने गाय को पशु सूची से हटकर राष्ट्र माता के रूप में दर्ज किए जाने की मांग उठाई, साथ ही बताया कि सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया था कि देश मे गौ माता की हत्या नहीं होनी चाहिए. उसे पशु की सूची से हटा करके राष्ट्र माता के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए. इस पर कोई सामने नहीं आया, तब ये तय किया कि जो सामने नहीं आएगा, वो आगे भी गो हत्या जारी रखना चाहते हैं और जो गो हत्या करे वो कसाई ही होता है. जो गाय को माता मानने वाला होगा वो भाई दल होगा.
इसलिए भाई पार्टी और कसाई पार्टी की सूची अलग की गई और फिर वृंदावन से दिल्ली तक नंगे पांव पदयात्रा की, ताकि इस और ध्यान आकर्षित हो जाए. इसके बाद 76 राजनीतिक दलों ने अपने आप को शपथ पत्र देकर भाई पार्टी के रूप में खुद को शामिल किया, लेकिन ये सभी पार्टी कभी सत्ता में नहीं रहीं. जो अब तक सत्ता में रहीं, ऐसी किसी भी पार्टी ने कोई शपथ पत्र नहीं दिया. इसलिए वो कसाई पार्टी हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टियों को वोट देने से दोष लगेगा. यही वजह है कि इस बार लोकसभा चुनाव में हर जगह करीब 5 से 10% मतदान कम हो रहा है, क्योंकि वोटर्स को अपने क्षेत्र में कोई भाई पार्टी नहीं मिल रही. इसी वजह से वो वोट डालने के लिए ही नहीं निकल रहे.
उन्होंने बताया कि जयपुर से पहले उन्होंने पंजाब में संकल्प यात्रा निकाली और वहां शपथ ली कि जब तक देश में गौ हत्या बंद नहीं होती तब तक भाई पार्टी को ही वोट करेंगे. अब राजस्थान के सभी 50 जिलों में जाएंगे और लोगों को प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्यों में गायों को पशु की सूची में शामिल कर रखा है और जब गाय को पशु की सूची में शामिल करते हैं तो गाय के साथ व्यवहार भी पशु की तरह ही करने लगते हैं. जबकि वेद और शास्त्रों में गाय को कभी भी पशु नहीं माना गया. इसलिए उन्हें राष्ट्र माता के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए.
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उन्होंने राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोग जादूगरी कर रहे हैं. कहते हैं गर्व से कहो हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदू जिसे मां कहता है, उसे काट कर बेचा जा रहा है. ऐसे में कैसे गर्व से कहेंगे. गर्व तब होगा जब गाय को मां के जैसा सम्मान दे सके और एक समय ऐसा आएगा जब 90% से ज्यादा हिंदू राजनीतिक दलों को वोट देना बंद कर देंगे. अभी जो वोट दे रहा है, वो समझता है कि ये गाय की रक्षा करेंगे. 2014 में भी कुछ इसी तरह का नारा दिया गया था, लेकिन आज 10 साल बाद क्या स्थिति है. उन्होंने बताया कि चुनाव से ठीक पहले भी केंद्र सरकार से इस पर कानून लाने की बात कही गई, लेकिन उन्होंने हाथ खड़े कर दिए. यही नहीं, जो चुनावी घोषणा पत्र लेकर आए उसमें गाय का जिक्र तक नहीं किया. कल तक जो गौ भक्त थे, वो भी अब गौ भक्त नहीं दिखाई दे रहे.
इस दौरान उन्होंने गौ रक्षक को गुंडा-बदमाश नहीं, बल्कि धर्मवीर बताया. साथ ही कहा कि गो रक्षक की असली हिंदू धर्म की रक्षक हैं. उन्हें एक दर्जा मिलना चाहिए और जहां तक मॉब लिंचिंग का सवाल है, तो कोई ट्रक जा रहा है तो वहां पर तो कोई भीड़ नहीं होती. जब ट्रक रोककर किसी को मारा भी गया तो उसका कारण देखना पड़ेगा. वहीं, उन्होंने बताया कि आज विदेशी नस्ल और संकरी गाय को भी गाय कहा जा रहा है. इन सबको मिलाकर के देश में 17 करोड़ गाय हैं. उनमें से देशी गाय एक-डेढ़ करोड़ भी नहीं होगी. आज इन्हीं देशी गाय को ढूंढकर ज्यादा दाम देकर काटने के लिए मंगाया जाता है. यदि आज नहीं जागे तो 5 साल बाद ये गाय भी नहीं मिलेंगीं.
उन्होंने कांग्रेस और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी जमकर शब्द बाण चलाए. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का शुद्धिकरण करने की बात कहने वाले कांग्रेस को पहले खुद का शुद्धिकरण करना चाहिए. ये कांग्रेस का ही दोष है कि आज गाय की देश में ये स्थिति है. इतिहास उठाकर देख लीजिए, जहां भी कांग्रेस का राष्ट्रीय और प्रांतीय अधिवेशन होता था, उससे पहले गौ रक्षक सम्मेलन करते थे. स्वराज आ गया तो गाय बचाने की बात करते थे, तब कांग्रेस हिंदुओं के वोट से चुनकर के आई, लेकिन इन्होंने गौ हत्या को जारी रखा. 75 साल में 55 साल राज किया, लेकिन गो हत्या को बढ़ावा देते रहे और उसी तरह आज की सरकार बढ़ावा दे रही हैं. जबकि शुरुआत में कांग्रेस ने गाय और बैल को अपना चुनाव चिह्न बनाया. हाथ का चिह्न तो आज है, लेकिन जिस गाय पर मोहर लगवाई, उसी को काटा. इसलिए कांग्रेस को पहले अपना शुद्धिकरण करने की जरूरत है. केरल में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बछड़ों को काटा, राहुल गांधी ने क्या कभी उनका विरोध किया. इसलिए पहले वो अपना शुद्धिकरण करे, मुंडन कराए, उसके बाद क्षमा याचना करे. उसके बाद मंदिर और दूसरे विषय में बात करे.
इस दौरान उन्होंने देश में शंकराचार्य की संख्या पर तंज कसते हुए कहा कि आज देश में 44 शंकराचार्य घूम रहे हैं. उनमें से कई शंकराचार्य ऐसे हैं जो सत्ताधारी दल चाहे या विपक्ष चाहे वैसा बोल दें.