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जबलपुर में 37 करोड़ के डामर का भ्रष्टाचार, EOW ने फर्जी बिल लगाने वाले 5 ठेकेदारों पर दर्ज किया मामला - JABALPUR ROAD MAKING CORRUPTION

जबलपुर में सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदारों ने बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम से लगाए डामर के फर्जी बिल, शासन को लगाया 37 करोड़ का चूना

JABALPUR ROAD MAKING CORRUPTION CASE
EOW ने 5 ठेकेदारों पर दर्ज किया मामला (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 23, 2025, 1:45 PM IST

जबलपुर : आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) जबलपुर ने पांच सड़क ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इन ठेकेदारों पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी बिल लगाकर शासन को 37 करोड़ रुपए का चूना लगाया है. यह मामला मंडला में सड़क बनाने से जुड़ा हुआ है. जांच में सामने आया है कि इन ठेकेदारों ने मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के लिए काम किया था और डामर के नाम पर 37 करोड़ रु का घोटाला किया है.

डामर के नाम पर बड़ी-बड़ी कंपियनों के फर्जी बिल

दरअसल, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ मुख्यालय भोपाल को एक शिकायत मिली थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क प्राधिकरण में ठेकेदारों ने फर्जी बिल लगाए हैं और लगभग 37 करोड़ रुपए का भुगतान भी प्राप्त कर लिया है. शिकायत में बताया गया कि यह सभी बिल सड़क बनाने वाले डामर (बिटुमेन) के भुगतान के लिए लगाए गए हैं और इनमें एक बड़ी जलसाजी की गई है. इसमें कई सरकारी कंपनियों के बिल भी फर्जी तरीके से बनाए गए हैं.

ईओडब्ल्यू ने प्रेस नोट जारी कर किया मामले का खुलासा (Etv Bharat)

जांच में हुए चौंकाने वाले खुलासे

ईओडब्ल्यू जबलपुर के उप पुलिस अधीक्षक एबी सिंह ने बताया, '' शिकायत के आधार पर जब जांच शुरू की गई तो पांच कंपनियों के बिल फर्जी पाए गए. ठेकेदारों की जिन बिलों की जांच की गई, उनमें आईओसीएल (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड), एचपीसीएल (हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड), बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड) एस्सार और नायरा जैसी बड़ी कंपनियों के फर्जी बिल बनाए गए थे.''

EOW ने इन ठेकेदारों पर दर्ज किया मामला

ईओडब्ल्यू जबलपुर द्वारा जारी प्रेस नोट के मुताबिक, '' मेसर्स विश्वकुसुम इन्फ्राटेक प्रोपराईटर अखिलेश मेहता पर 12 करोड़ से ज्यादा के फर्जी इनवॉस लगाने पर मामला दर्ज किया है. इसी प्रकार मेसर्स ए.डी. कंस्ट्रक्शन प्रोपराईटर अनिल दुबे के खिलाफ 36 लाख 31 हजार 302 रु, मेसर्स वैष्णव एसोसियेट प्रोपराईटर धर्मेन्द्र प्रताप सिंह के खिलाफ 23 करोड़ 57 लाख 39 हजार 632 रु, मेसर्स लाल बहादुर यादव प्रोपराईटर लाल बहादुर यादव के खिलाफ 79 लाख 94 हजार 821 रु और मेसर्स अब्दुल अजीज प्रोपराईटर अब्दुल अजीज के खिलाफ 21 लाख 99 हजार 332 रु के डामर (बिटुमेन) के फर्जी इनवॉईस लगाकर भुगतान प्राप्त करने पर मामला दर्ज किया गया है.

ईओडब्ल्यू जबलपुर के उप पुलिस अधीक्षक एबी सिंह ने बताया, '' इन सभी फर्मो के ठेकेदारों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 भा.दं.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया.''

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