जबलपुर: सरकारी सब्सिडी के लालच में यदि आप निवेश कर रहे हैं, तो सतर्क हो जाइए. मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के जाने के बाद से अब तक किसी उद्योगपति को सब्सिडी नहीं मिली है. सब्सिडी की किस्तों को मिलने में अफसर शाही एक बड़ा रोड़ा माना जा रहा है. इसके साथ ही सरकार के खजाने में पैसा कम होने की वजह से भी कई उद्योगों को सब्सिडी का आवंटन नहीं हो पा रहा है.
सब्सिडी देने में सरकार कर रही लेट लतीफी
जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. इस मौके पर सरकार उद्योगपतियों से वादा कर रही है कि वे यदि मध्य प्रदेश में उद्योग लगते हैं, तो अलग-अलग योजनाओं के जरिए उन्हें सब्सिडी दी जाएगी, लेकिन जबलपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रेम दुबे ने दावा किया है कि "बीते 5 सालों से कई उद्योगपतियों को सब्सिडी नहीं दी गई है. सब्सिडी देने में सरकार की ओर से लेट लतीफ भी की जा रही है. कई उद्योगों को जानबूझकर सब्सिडी का पैसा नहीं दिया जा रहा है. जिसकी वजह से उनकी कमर टूट रही है."
सब्सिडी मिलने में लग जाता है 5 साल से ज्यादा का समय
दरअसल, सब्सिडी के नियमों में कुछ इस तरह के प्रावधान हैं कि किसी उद्योग को सब्सिडी मिलते-मिलते 5 साल से ज्यादा का वक्त लग जाता है. सरकार सब्सिडी कई किस्तों में देती है और हर बार उद्योग विभाग के अधिकारी जब तक उद्योग एनओसी नहीं देते तब तक सब्सिडी रिलीज नहीं की जाती है. उद्योग विभाग के अधिकारी जानबूझकर एनओसी देने में देरी करते हैं. इसकी एक वजह अधिकारियों की अफसरशाही है और दूसरी बड़ी वजह सरकार के खजाने में पैसा ना होना है.
उद्योगों को जल्द मिलेगी सब्सिडी: जबलपुर कलेक्टर
जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि "यह बात सही है कि बहुत से उद्योगों को योजनाओं के माध्यम से दी जाने वाली सब्सिडी अब तक नहीं मिली है. यह बात मुख्यमंत्री के संज्ञान में है और जल्द ही यह पैसा जारी किया जा सकता है." एक अनुमान के तहत मध्य प्रदेश में लगभग 3 लाख करोड़ की सब्सिडी की राशि उद्योगों को सरकार को देना है. इसके पहले सब्सिडी की राशि शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान अंतिम बार दी गई थी. जिसमें एक सिंगल क्लिक में सब्सिडी की किस्त जारी की गई थी. उसके बाद से किसी को भी सब्सिडी नहीं मिली है.